हल्बी कविताएं

futuredपुस्तक समीक्षासाहित्य

बूँद-बूँद सागर : लाला जगदलपुरी की काव्य साधना का प्रतिबिंब

पुस्तक में आठ पृष्ठों में संपादक विनय श्रीवास्तव ने लाला जी की साहित्यिक यात्रा, उपलब्धियों और प्रकाशित कृतियों का गहन परिचय दिया है। वे केवल कवि नहीं, बल्कि एक सशक्त गद्य-शिल्पी, इतिहासकार और लोकसंस्कृति के सजग अध्येता भी थे।

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