प्रसिद्ध हास्य कवि डॉ. सुरेंद्र दुबे नहीं रहे, छत्तीसगढ़ सहित देश भर में शोक की लहर
डॉ. दुबे के निधन से साहित्य जगत में जो रिक्तता आई है, उसकी भरपाई संभव नहीं। परंतु उनकी कविताएं, व्यंग्य, मंचीय प्रस्तुति और छत्तीसगढ़ी के लिए उनका समर्पण उन्हें चिरस्मरणीय बना देता है। वे भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी कलम की शक्ति और शब्दों की गूंज हमेशा जीवित रहेगी।
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