श्री रमेश शर्मा

futuredविश्व वार्ता

बंगलादेश में हिन्दुओं का निरंतर उत्पीड़न और वैश्विक चुप्पी

बंगलादेश में हिन्दुओं का उत्पीड़न रुक नहीं रहा । हिन्दुओं के घरों पर हमले और हिन्दु स्त्रियों के हरण के समाचार प्रतिदिन आ रहे हैं। लेकिन पूरी दुनियाँ में सन्नाटा है। जिन संगठनों को आतंकवादियों में भी मानवीय अधिकार दिख जाते हैं। वे भी बंगलादेश में हिन्दुओं के उत्पीड़न पर चुप्पी साधे हुये है।

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futuredहमारे नायक

मेरा रंग दे बसंती चोला : 23 मार्च शहीद दिवस

क्राँतिकारियों का पूरा जीवन राष्ट्र के स्वत्व, स्वाभिमान और साँस्कृतिक चेतना केलिये समर्पित रहा। जब ये महान क्राँतिकारी बलिदान हुये तब भगतसिंह और सुखदेव की आयु तेइस वर्ष और  राजगुरु की आयु बाईस वर्ष थी। वे इतनी कम आयु में उन्होंने क्राँति का जो उद्घोष किया, उसकी गूँज लंदन तक हुई।

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futuredहमारे नायक

भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक धरोहर के रक्षक: हनुमान प्रसाद पोद्दार

किसी भी राष्ट्र और समाज के लिये केवल राजनैतिक स्वतंत्रता ही पर्याप्त नहीं होती। उसकी अपनी एक साँस्कृतिक विरासत होती

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futuredधर्म-अध्यात्म

सामाजिक समरसता और राष्ट्रभाव का प्रतीक तीर्थयात्राएं

इस महाकुंभ में पचास करोड़ से अधिक लोगों ने डुबकी लगा चुके हैं। सबने एक दूसरे का कंधा पकड़कर, एक दूसरे का सहयोग करके डुबकी लगाई। किसी ने किसी से जाति नहीं पूछी, अमीरी और गरीबी का भेद नहीं था, अधिकारी और सामान्य का भी भेद न था। सबकी एक ही पहचान “सनातनी हिन्दू”।

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अमर शौर्य और त्याग की गाथा : संभाजी महाराज

क्रूरतम यातनाओं का क्रम सम्भाजी के साथ चला। यह सब कोई 38 दिन चला। उन्हे उल्टा लटका कर पिटाई की गई, आँखे निकालीं गई, चीरा लगाकर नमक लगाया गया, जिव्हा काटी गई। और अंत में एक एक अंग काटकर तुलापुर नदी में फेक दिया गया।

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futuredहमारे नायक

धर्म रक्षा में बलिदान भाई मणि सिंह जी

बलिदानी भाई मणिसिंह का उल्लेख लगभग सभी सिक्ख ग्रंथों में है। एक अरदास में भी उनका नाम आता है। पर उनके जन्म की तिथि पर मतभेद है। मुगल काल में उन्हें परिवार सहित बंदी बनाया था और मतान्तरण के लिये दबाव डाला गया। वे तैयार नहीं हुये तो पूरे परिवार के एक एक अंग काटकर प्राण लिये गये।

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