श्री रमेश शर्मा

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सनातन के मानबिंदूओं को पुनर्प्रतिष्ठित करने वाली महारानी देवी अहिल्याबाई

31 मई 1725 देवी अहिल्याबाई का जन्म दिवस : स्वत्व और स्वाभिमान के लिये समर्पित जीवन संसार में कुछ ऐसी

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futuredसमाज

दोहरा आजीवन कारावास, सर्वाधिक प्रताड़ना झेलने वाले वीर सावरकर

यदि तेल निकालने की मात्रा कम हो तो पिटाई होती थी। भोजन नहीं दिया जाता था। उसी जेल में उनके भाई भी थे पर दोनों भाई एक दूसरे से मिलना तो दूर देख भी नहीं सकते थे। पूरी जेल में सावरकर जी एकमात्र ऐसे कैदी थे, जिनके गले में अंग्रेजों ने एक पट्टी लटका रखी थी। इस पर “D” लिखा था । “D” अर्थात डेंजरस। यातनाएँ देने का यह चक्र चला लगभग ग्यारह वर्ष चला।

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futuredसमाज

कालीपानी जेल में जनेऊ के रक्षार्थ अनशन कर प्राणाहुति देने वाले क्रांतिकारी

27 मई 1919 : सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी रामरक्खा का बलिदान सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी रामरख्खा ऐसे बलिदानी थे जिन्होंने पहले अंग्रेजों से भारत

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futuredधर्म-अध्यात्म

संसार के पहले संवाददाता देवर्षि नारद

व्यक्ति, समाज, राष्ट्र निर्माण और साँस्कृतिक मूल्यों के लिये समर्पित संवाद कला संवाद सूत्र पत्रकारिता में हों अथवा समाज के

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futuredसमाज

सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी विपिन चंद्र पाल का पुण्य स्मरण

जब क्राँतिकारियों के शस्त्र गरजने लगे तो अहिसंक आँदोलन कारियों ने थोड़ी दूरी बनाई। तभी अंग्रेजों ने 1905 में बंगाल विभाजन का निर्णय लिया। तब दोनों धाराएँ समीप आईं। इसके अग्रणी नेताओं में विपिन चंद्र पाल हैं।

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futuredधर्म-अध्यात्म

वैदिक आर्य संस्कृति की स्थापना का आधार भगवान् परशुराम

कोई क्षेत्र या कोई देश ऐसा नहीं जहाँ भगवान् परशुरामजी की स्मृति या चिन्ह नहीं मिलते हों। उन्होंने शाँति और मानवता की स्थापना के लिये पूरी पृथ्वी की सतत यात्राएँ की। विश्व में वैदिक आर्य संस्कृति की स्थापना का आधार भगवान् परशुरामजी ही हैं।

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