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बांग्लादेश का उदय और पाकिस्तान की हार की गाथा

दुनियाँ के इतिहास में यह सबसे छोटा निर्णायक युद्ध माना जाता है। इस युद्ध समापन के साथ एक नये देश का उदय हुआ जो अब बंगलादेश के नाम से जाना जाता है। बंगलादेश के अस्तित्व की भूमिका 1947 में पाकिस्तान के निर्माण के साथ ही ही पड़ गयी थी।

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क्या 13 दिसम्बर याद है आपको ?

आतंकवादियों ने गाड़ी की गति बढ़ाई वे तेजी से वे संसद के भीतर घुसना चाहते थे। उनका उद्देश्य सांसदों को बंधक बनाने का था। पर सुरक्षा बलों की सतर्कता और घेरने के प्रयास से उनकी गाड़ी का चालक विचलित हुआ और आतंकवादियों की कार संसद भवन के भीतरी द्वार पर उपराष्ट्रपति की रवानगी के लिये खड़ी कारों की कतार में एक कार से टकरा गई।

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हिन्दू महासभा के प्रेरणास्रोत डॉ. बालकृष्ण शिवराम मुंजे का जीवन और योगदान

1898 में मेडिकल कॉलेज मुम्बई से मेडिकल डिग्री ली और मुम्बई में ही नगर निगम के चिकित्सा अधिकारी नियुक्त हो गये। अपनी चिकित्सा सेवा के साथ उन्हे सैन्य कार्यों में रुचि रही इसका उन्होंने प्रयास किया और सेना की चिकित्सा शाखा में कमीशन अधिकारी नियुक्त हो गये।

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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले कट्टरपंथी आतंक का नया चेहरा

बंगलादेश में शेख हसीना की सरकार पलटने के साथ हिन्दुओं पर हमले आरंभ हो गये थे जो अब चार महीने बाद भी रुकने का नाम नहीं ले रहे। हिन्दुओं  उनके धर्म स्थलों पर लगातार हो रहे इन हमलों में बंगलादेश में सक्रिय सभी आतंकवादी संगठन, सभी इस्लामिक धर्मगुरु और मुस्लिम कट्टरपंथी एकजुट है।

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साहित्य, इतिहास और समाज जागरण के अग्रदूत: वैद्य गुरुदत्त

वैद्य गुरुदत्त ऐसे ही निर्भीक और राष्ट्रीय अस्मिता के लिये समर्पित लेखक और इतिहासकार थे । जिनका पूरा जीवन सत्य को समर्पित रहा। समाजिक जागरण केलिये ऐसा कोई विषय नहीं जिसपर गुरुदत्त जी लेखनी न चली हो।

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चुनाव परिणामों में राष्ट्रवादी मुद्दों की जीत और राजनीति के भविष्य के संकेत

लेकिन ये परिणाम वैसे साधारण नहीं हैं जैसे प्रथम दृष्टि में दिखाई दे रहे हैं। विशेषकर महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा एवं उत्तर प्रदेश विधानसभा की रिक्त नौ सीटों केलिये हुये उपचुनाव परिणाम ने भारत की भावी राजनीति के एक संदेश दिया है ।

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