आपातकाल से आत्मनिर्भर भारत तक की यात्रा
आपातकाल से सबक लेकर आज भारत की आत्मा जाग चुकी है। चाहे राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा हो, आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब हो या सांस्कृतिक पुनर्जागरण हो, भारत अपने निर्णयों के आत्मनिर्भर एवं अडिग है।
Read Moreआपातकाल से सबक लेकर आज भारत की आत्मा जाग चुकी है। चाहे राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा हो, आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब हो या सांस्कृतिक पुनर्जागरण हो, भारत अपने निर्णयों के आत्मनिर्भर एवं अडिग है।
Read More“यह काल केवल शासन नहीं, भारत के आत्मगौरव और आत्मनिर्भरता का नवजागरण है… यह मोदी नहीं, भारत का आत्मविश्वास बोल रहा है।”
Read Moreविनायक दामोदर सावरकर (1883-1966) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख विचारक, क्रांतिकारी, और लेखक थे। उनकी विचारधारा, जिसे उन्होंने “हिन्दुत्व” के रूप में परिभाषित किया
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