राजस्थान इतिहास

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रणथंभौर का त्रिदिवसीय जौहर और शाका : स्वाभिमान की ज्वाला

1301 ई. में रणथंभौर की वीरांगनाओं द्वारा किया गया राजस्थान का पहला ऐतिहासिक जौहर, रानी रंगा देवी और उनकी पुत्री पद्मला के आत्मबलिदान की गाथा, अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण और हमीर देव के शौर्य के प्रसंग के साथ।

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स्वाभिमान और स्वाधीनता की मिसाल महाराणा प्रताप

राणा जी अकबर से पराजित होते या अभाव होता तो यह विकास और समृद्धि प्रयास संभव ही नहीं थे। अंततः 19 जनवरी 1597 में स्वाभिमान के साथ उन्होंने देह त्यागी। कोटिशः नमन् परम् वीर यौद्धा राणा प्रताप जी को।

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