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प्राचीन छत्तीसगढ़ के रचयिता प्यारेलाल गुप्त की साहित्य साधना

रविशकर वि”वविद्यालय रायपुर से सन् 1973 में प्रकाशित इस ग्रंथ में प्रागैतिहासिक काल से लेकर आधुनिक युग के पूर्व तक का श्रृंखलाबद्ध इतिहास है। इस ग्रंथ में न केवल प्राचीन छत्तीसगढ़ का इतिहास बल्कि सांस्कृतिक परम्पराओं, लोक कथाओं, पुरातत्व और साहित्य का उल्लेख है। इस ग्रंथ को ‘छत्तीसगढ़ का इनसाइक्लोपीडिया‘ माना जा सकता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की पदयात्रा करके इस ग्रंथ के लिए सामग्री जुटायी थी।

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छत्तीसगढ़ में 2024 की मॉनसून: औसतन 676.7 मिमी वर्षा, बीजापुर में सबसे अधिक और सरगुजा में सबसे कम

बीजापुर जिले में सबसे अधिक 1509.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है।
सरगुजा जिले में सबसे कम 321.9 मिमी औसत वर्षा हुई है।

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मिट्टी का घर है, छप्पर की छांव है, छोटा सा गांव है : डा.चित्तरंजन कर का गायन

प्रसिद्ध भाषाविद, साहित्यकार और संगीतज्ञ डा. चित्तरंजन कर ने कवि संतोष श्रीवास के चयनित गीतों को विभिन्न राग – रागनियों में निबद्ध कर अत्यंत मधुर एवं कर्णप्रिय रूप में प्रस्तुत किया।

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बिलासपुर में पहली बार लिवर फाइब्रो स्कैन पद्धति से निशुल्क लीवर जांच शिविर

आगामी 5 मई 2024 को बिलासपुर शहर के लायंस क्लब भवन सीएमडी चौक बिलासपुर में पहली बार लिवर फाइब्रो स्कैन फ्रांस की अत्याधुनिक पद्धति से लिवर जांच का निशुल्क जांच शिविर किया जा रहा है, जिसमें प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर प्रतीक छाबड़ा आधुनिक मशीनों से लीवर की केवल 3 मिनट में ही जांच कर रिपोर्ट देंगे

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तीन दिवसीय 29 वां बिलासा महोत्सव 15 फरवरी से बिलासपुर में

बिलासपुर. बिलासा कला मंच द्वारा हर वर्ष होने वाले तीन दिवसीय बिलासा महोत्सव 15,16,17 फरवरी 2019 को लाल बहादुर शास्त्री

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पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी का निधन, साहित्य और पत्रकारिता के एक सुनहरे युग का अंत हो गया : डॉ. रमन सिंह

पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी का जन्म 20 फरवरी 1926 को तत्कालीन बिलासपुर जिले के अकलतरा के पास ग्राम कोटमी सोनार में हुआ था। वह कोटमी सोनार ग्राम पंचायत के सरपंच भी रह चुके थे। उन्होंने लम्बे समय तक कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों के बिलासपुर जिला संवाददाता के रूप में भी काम किया।

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