प्रो घनाराम साहू

futuredपॉजिटिव स्टोरी

सामाजिक कुरितियों को चुनौती देता एक आंदोलन जिसने विवाह की परिभाषा बदल दी

छत्तीसगढ़ में 1975 से प्रारंभ हुआ आदर्श सामूहिक विवाह आंदोलन आज एक सामाजिक क्रांति का रूप ले चुका है, जो दहेज प्रथा, आर्थिक असमानता और जातिगत भेदभाव के विरुद्ध सशक्त संदेश देता है।

Read More
futuredहमारे नायक

छत्तीसगढ़ी चेतना के संवाहक: डॉ. खूबचंद बघेल

डॉ. खूबचंद बघेल छत्तीसगढ़ की अस्मिता, स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक चेतना के पुरोधा थे, जिन्होंने राजनीतिक सिद्धांतों और क्षेत्रीय स्वाभिमान के लिए जीवनभर संघर्ष किया।

Read More
futuredलोक-संस्कृति

नाम एक चरित अनेक : कर्मा

“भक्त माता कर्मा की जीवनी भारतीय समाज में एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में स्थापित है। उनका जन्म 11वीं सदी के उत्तर प्रदेश में हुआ था, और उनका जीवन श्री कृष्ण भक्ति और समाज सेवा के प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध है। कर्मा माता की पूजा विशेष रूप से हिंदी भाषी क्षेत्रों, विशेष रूप से छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में की जाती है, जहाँ उनके योगदान को धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है। उनके जीवन की कहानियां न केवल भक्ति की, बल्कि वीरता और समाज में बदलाव लाने की प्रेरणा भी देती हैं।

Read More
futuredइतिहासहमारे नायक

जंगल सत्याग्रह की नायिका वीरांगना दयावती

यावती ने लगभग 40 महिलाओं के साथ सभा स्थल में प्रवेश किया। महिलाओं का जत्था पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच खड़ा हो गया। पुलिस बल महिलाओं को हटाने बंदूक के संगीनों से धमकाने लगे। इससे दयावती बिफर गई और एक बंदूकधारी पुलिस वाले के सामने खड़ी होकर गोली चलाने के लिए ललकारने लगी।

Read More
futuredइतिहाससम्पादकीय

सन संतावन की क्रांति में छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधित्व का इतिहास

सन संतावन की क्रांति में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने वाला गौरव ग्राम सोनाखान बलौदाबाजार जिला के कसडोल विकासखण्ड के अंतर्गत

Read More
futuredलोक-संस्कृति

तैलिक से साहू तक विकास यात्रा : राजिम जयंती विशेष

छत्तीसगढ़ के प्रमुख तीर्थ राजिम लेचन मंदिर परिसर में तेलिन मंदिर है जो मूलतः शिवालय है और इसकी भित्ती में एक सती स्तंभ जड़ा हुआ है। इस सती स्तंभ में दो परिचारकों या एक स्त्री एवं पुरूष के मध्य पद्मासनस्थ एक दपंति का उत्कीर्णनन किया गया है। स्तंभ के निचले भाग में कोल्हू  (घानी) का उत्कीर्णनन है इस सती स्तंभ को राजिम नामक तेली व्यवसायी एवं भगवत भक्त से जोड़ा  जाता है।

Read More