प्राचीन परम्परा

futuredधर्म-अध्यात्म

जो आत्मवोध कराये वह गुरु है : गुरु पूर्णिमा विशेष

“जो आत्मवोध कराये वह गुरु है,  मनुष्य या प्राणी का जीवन तो सीमित होता है। समय और आयु अवस्था उनकी क्षमता और ऊर्जा को प्रभावित करती है, अतएव गुरु चिरजीवी होना चाहिए”।

Read More