प्रहलाद सबनानी

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केन्द्र सरकार चला रही है जनजाति समाज के लिए आर्थिक विकास की योजनाएं

केंद्र सरकार द्वारा जनजाति समाज को केंद्र में रखकर उनके लाभार्थ चलाई जा रही विभिन योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से एक विशेष पोर्टल का निर्माण किया है। जिसकी लिंक है – भारत सरकार का राष्ट्रीय पोर्टल https://www.इंडिया.सरकार.भारत/ – इस लिंक को क्लिक करने के बाद “खोजें” के बॉक्स में जनजाति समाज को दी जाने वाली सुविधाएं

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वन नेशन वन इलेक्शन आर्थिक लाभ और प्रशासनिक दक्षता का मार्ग

स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत में लोकसभा एवं विभिन्न प्रदेशों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ ही होते रहे हैं।

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भारत ने जापान को पछाड़ा: एशिया की तीसरी सबसे बड़ी शक्ति

भारत को एशिया को तीसरा सबसे बड़ा ताकतवर देश बताया गया है परंतु वस्तुतः भारत अब एशिया का ही नहीं बल्कि विश्व का तीसरा सबसे बड़ा ताकतवर देश बन गया है क्योंकि इस सूची में एशिया के बाहर से अमेरिका को भी एशिया में पहिले स्थान पर बताया गया है।

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भारत की उभरती अर्थव्यवस्था: जापान और जर्मनी को पछाड़ने की ओर

भारत की वर्तमान GDP 3.93 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर है, और 8% वार्षिक वृद्धि दर के चलते, मार्च 2025 तक भारत जापान को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।

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स्वाधीनता से अखंडता की ओर भारत का संघर्ष और संभावनाएँ

भारत पर शक, हूण, कुषाण एवं यवन के आक्रमण हुए, परंतु भारत पर उनके कुछ समय के शासन के पश्चात वे भारतीय सनातन संस्कृति में ही रच बस गए एवं भारत का हिस्सा बन गए। परंतु, अरब के देशों से मुसलमान एवं ब्रिटेन से अंग्रेजों के भारत पर चले शासन के दौरान उन्होंने भारतीय नागरिकों का बलात धर्म परिवर्तन करवाया, स्थानीय नागरिकों पर अकल्पनीय अत्याचार किए। भारत के बड़े बड़े प्रतिष्ठानों, मंदिरों एवं ज्ञान के स्थानों को नष्ट किया।

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futuredविश्व वार्ता

भारत की आर्थिक प्रगति और हिंदू सनातन संस्कृति की भूमिका

यूक्रेन – रूस के बीच युद्ध एवं हमास – इजराईल के बीच युद्ध आज इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है। बांग्लादेश में अशांति व्याप्त हो गई है। इसी प्रकार ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी, अमेरिका जैसे शांतिप्रिय देश भी आज विभिन्न प्रकार की समस्याओं से ग्रसित होते दिखाई दे रहे हैं। इसलिए, शांति स्थापित करने एवं आर्थिक विकास को गतिशील बनाए रखने के उद्देश्य से आज हिंदू सनातन संस्कृति के संस्कारों को आज पूरे विश्व में फैलाने की महती आवश्यकता है।

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