अयोध्या से मायके चंद्रखुरी तीजा मनाने आएंगी माता कौशल्या
अयोध्या से माता कौशल्या के स्वरूप को चंद्रखुरी लाने की परंपरा तीसरे वर्ष भी जीवंत — मूर्ति स्थापना, पूजन और विदाई तक का पूरा सांस्कृतिक अनुष्ठान।
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Read Moreलोक परंपरा के अनुसार, तीजा के अवसर पर बेटियों को साड़ी उपहार में दी जाती है। छत्तीसगढ़ में एक कहावत भी प्रचलित है: “मइके के फरिया अमोल”—यानि मायके से मिले कपड़े का टुकड़ा भी अनमोल होता है। इस दिन माताएँ अपनी बेटियों के लिए चूड़ियाँ, फीते और सिन्दूर भी लाती हैं। तीजा की इस अनोखी परंपरा को निभाने का महत्व छत्तीसगढ़ के लोक जीवन में गहराई से बसा हुआ है।
Read Moreहरियाली तीज के दिन महिलाएं हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां पहनती हैं और विशेष श्रृंगार करती हैं। इसे महिलाओं का दिन कहा जाता है और इस दिन भाई अपनी बहन के ससुराल जाकर उसका सिंधारा लेकर आते हैं और बहन को मायके लेकर आते हैं। इस दिन का इंतजार हर महिला पूरे साल करती हैं और सुहागिनें खास शॉपिंग करती हैं ताकि वे तैयार होकर और भी खूबसूरत नजर आएं।
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