जैवविविधता संरक्षण

futuredधर्म-अध्यात्म

आस्था, प्रकृति और जैवविविधता संरक्षण का पर्व : वट सावित्री व्रत

जैवविविधता के पोषण की दृष्टि से भी वट वृक्ष अत्यंत उपयोगी है। इसकी शाखाओं में कई प्रकार के पक्षी घोंसले बनाते हैं और इसके फल, पत्तियाँ तथा गोंद अनेक कीट-पतंगों और मधुमक्खियों को आकर्षित करते हैं।

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futuredलोक-संस्कृति

जीवन के विविध रंग पशु पक्षियों के संग

वन्य प्राणी हमारी प्रकृति में संतुलन रखते हैं , वे हमारे खेतों के भी रक्षक हैं । जो वन्य प्राणी हमारे लिए सहायक है और जो मरकर भी हमारे काम आते हैं उनकी रक्षा करना शासन का ही नहीं हर व्यक्ति का परम कर्तव्य है ।

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futuredसम्पादकीय

संरक्षण और संवेदनशीलता की पुकार : वन्य जीव दिवस

वन्य जीव दिवस हर वर्ष 3 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन प्रकृति में जीवों के महत्व को समझने, उनके संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित करने और लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2013 में इस दिन को आधिकारिक रूप से मनाने की घोषणा की गई थी।

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futuredलोक-संस्कृति

भारतीय कृषि और जैव विविधता संरक्षण का अनूठा संगम : पोला पर्व

पोला पर्व मुख्य रूप से भारत के छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, और तेलंगाना राज्यों में मनाया जाता है। यह पर्व

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