जनजातीय सशक्तिकरण

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वन अधिकारों की दिशा में छत्तीसगढ़ की सराहनीय पहल: 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अधिकार वितरित

छत्तीसगढ़ वन विभाग ने अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के अंतर्गत व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों प्रकार के वन संसाधन अधिकारों के मान्यता और वितरण में देशभर में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है।

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जैव विविधता संरक्षण में नया अध्याय जनजातीय युवाओं का कौशल विकास

पैराटैक्सोनॉमी एक ऐसी विधा है जिसमें जैविक अनुसंधान के लिए विभिन्न प्रजातियों की त्वरित पहचान और वर्गीकरण किया जाता है। छत्तीसगढ़ जैसे जैव विविधता से भरपूर क्षेत्रों में यह विधा विशेष रूप से उपयोगी है। इस प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षित युवा नेशनल पार्क गाइड, पर्यटक गाइड, नेचर कैंप मैनेजर, पारंपरिक चिकित्सक जैसे विभिन्न पेशों में काम कर सकते हैं एवं बोटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया तथा जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं में रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकते हैं।

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