छत्तीसगढ़ी भाषा

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पुरखा के सुरता: छत्तीसगढ़ी भाषा को न्याय दिलाने का संकल्प

“पुरखा के सुरता” कार्यक्रम में प्रदेश के जनप्रतिनिधि, साहित्यकार, कुलपति और प्रबुद्धजन “एक भाव, एक जुड़ाव” के साथ एकत्रित हुए तो छत्तीसगढ़ी संस्कृति, भाषा और पहचान को कायम रखने का संकल्प लेकर उठे।

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futuredसाहित्यहमारे नायक

एक युग, अनेक भूमिकाएं : हरि ठाकुर

हिन्दी और छत्तीसगढ़ी भाषाओं के वह एक ऐसे कवि थे, जिनकी कविताओं में और जिनके गीतों में अन्याय और शोषण की जंजीरों से माटी -महतारी की मुक्ति की बेचैन अभिव्यक्ति मिलती है। वह एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, इतिहासकार, पत्रकार, लेखक, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता और छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण आंदोलन के अग्रणी नेता भी थे।

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