एकात्म मानव दर्शन

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पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानव दर्शन : भारतीय जीवन का समग्र दृष्टिकोण

पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन पर आधारित यह आलेख चतुर्पुरुषार्थ, स्वदेशी, राष्ट्र-चिति और भारतीय जीवन दर्शन के समग्र दृष्टिकोण को प्रस्तुत करता है।

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एकात्म मानव दर्शन : चतुर्पुरुषार्थ सिद्धांत को व्यवहारिक स्वरूप दिया था दीनदयाल जी ने

दीनदयाल उपाध्याय ने “एकात्म मानव दर्शन” के माध्यम से चतुर्पुरुषार्थ सिद्धांत को व्यवहारिक रूप में प्रस्तुत किया। उनका मानना था कि समाज के विकास का आधार धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के संतुलन पर होना चाहिए।

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