उमेश कुमार चौरसिया

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समाज के पथ प्रदर्शक हैं गोस्वामी तुलसीदास : तुलसी जयंती विशेष

महाकवि गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस सहित अनेक कृतियों के माध्यम से धार्मिक, सामाजिक व जीवनमूल्यों का मार्गदर्शन किया है। उनका साहित्य आज भी मानवता की राह दिखा रहा है।

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गुरु पूर्णिमा और भगवद्ध्वज: संघ की सांस्कृतिक परंपरा का दिव्य उत्सव

गुरु पूर्णिमा पर आधारित यह आलेख भारतीय गुरू-शिष्य परंपरा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा भगवद्ध्वज पूजन की परंपरा, और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की गहराई से व्याख्या करता है।

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दूसरों को दोष मत दो : स्वामी विवेकानन्द

‘एक मंदिर के सामने एक सन्यासी रहता था और उसी के पास वाले घर में एक वेश्या भी रहती थी । सन्यासी रोजाना उस वेश्या पर चिल्लाता, उसकी निन्दा करता। उधर वेश्या अपने दुष्कर्म का पश्चाताप करते हुए सदैव ईश्वर की प्रार्थना में लीन रहती।

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उदार बनो और सेवा करो – स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानन्द सच्चे कर्मयोगी थे। उन्होंने गरीबों के दुःख दूर करने के विशेष प्रयोजन के लिए जन्म लिया था और इसका उन्होंने अन्तिम श्वास तक अनवरत निर्वहन भी किया। वे कहते हैं- ” नर सेवा ही नारायण सेवा है।”

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futuredधर्म-अध्यात्महमारे नायक

राष्ट्रीय एवं वैश्विक चुनौतियों का समाधान : कृष्ण और गीता

हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए- ‘ धर्मो रक्षति रक्षितः। ‘ हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म भी हमारी रक्षा करेगा। धर्म के अन्तर्गत व्यक्ति का शरीर, परिवार, समाज, राष्ट्र, विश्व, चराचर जगत् और विश्व चेतना का समावेश है। हम शरीर धर्म की पालना करेंगे तो शरीर हमारी रक्षा करेगा। परिवार धर्म के पालन से परिवार हमारी रक्षा करेगा।

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