सुप्रीम कोर्ट का फैसला: चयन प्रक्रिया रद्द होने के बाद भी “निर्दोष” सहायक शिक्षक फिलहाल रहेंगे पद पर, दिसंबर तक नई भर्ती पूरी करने के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 2016 की स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) भर्ती को रद्द किए जाने के बावजूद, उन सहायक शिक्षकों को बड़ी राहत दी है जिन पर कोई आरोप नहीं है। गुरुवार को अदालत ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि ये “निर्दोष” शिक्षक फिलहाल अपनी सेवाएं जारी रख सकते हैं, लेकिन राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि नई भर्ती प्रक्रिया 31 दिसंबर 2025 तक पूरी कर ली जाए।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने राज्य सरकार द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए कहा,
“हम कक्षा 9 से 12 तक के सहायक शिक्षकों को लेकर आवेदन में की गई प्रार्थना को स्वीकार करते हैं, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। राज्य सरकार 31 मई 2025 तक नई भर्ती का विज्ञापन जारी करे और पूरी चयन प्रक्रिया 31 दिसंबर 2025 तक पूरी की जाए।”
31 मई तक विज्ञापन नहीं तो सुप्रीम कोर्ट लेगा सख्त रुख
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि पश्चिम बंगाल सरकार और स्कूल सेवा आयोग एक हलफनामा दायर करें, जिसमें भर्ती का विज्ञापन और प्रक्रिया की पूरी रूपरेखा सम्मिलित हो। अगर 31 मई 2025 तक यह हलफनामा और विज्ञापन दाखिल नहीं किया गया, तो कोर्ट कड़ी कार्रवाई कर सकता है, जिसमें आदेश को वापस लेना और जुर्माना लगाना भी शामिल होगा।
पिछला आदेश बरकरार, लेकिन निर्दोषों को मिली राहत
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 3 अप्रैल को कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश को सही ठहराया था जिसमें 2016 की WBSSC भर्ती को रद्द कर दिया गया था। अदालत ने उस पूरी चयन प्रक्रिया को “असाध्य रूप से भ्रष्ट” बताया था, जिसके तहत 25,000 से अधिक शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी नियुक्त किए गए थे।
भर्ती रद्द होने से बेरोजगार हुए कर्मचारी कर रहे विरोध प्रदर्शन
भर्ती रद्द होने के बाद बड़ी संख्या में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। इन कर्मचारियों ने एक महीने लंबा विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है और अपनी नौकरियों को वापस देने की मांग की है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि केवल वही शिक्षक अपनी सेवाएं जारी रख सकेंगे जिनके खिलाफ किसी तरह की गड़बड़ी या शिकायत नहीं पाई गई है।