सुकमा में मुठभेड़: अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की हत्या का मास्टरमाइंड सहित तीन माओवादी ढेर
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में रविवार सुबह सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन माओवादी मारे गए। पुलिस के अनुसार ढेर किए गए नक्सलियों में वह कुख्यात माओवादी भी शामिल है, जिस पर इस वर्ष जून में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की हत्या की साजिश रचने का आरोप था।
10 जून को कोटा डिवीजन में तैनात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश राव गिरपुंजे (42) की उस समय मौत हो गई थी, जब माओवादियों द्वारा लगाए गए एक आईईडी धमाके में उनका वाहन क्षतिग्रस्त हो गया था। इस हमले में दो अन्य अधिकारी भी घायल हुए थे।
सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि रविवार को जिला रिजर्व गार्ड (DRG) की टीम को तुमालपाड़ के जंगलों में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों का सामना एक सशस्त्र दल से हुआ और मुठभेड़ में “कुख्यात नक्सली मदवी देवा” समेत तीन माओवादी मारे गए। देवा को कोंटा एरिया कमेटी के जनमिलिशिया कमांडर के रूप में जाना जाता था और वह लंबे समय से क्षेत्र में आतंक फैलाने में शामिल था। पुलिस के अनुसार देवा कई ग्रामीणों की हत्या और हिंसक घटनाओं में सीधे तौर पर शामिल रहा है।
मुठभेड़ से पहले सुबह भेज्जी और चिंतागुफा क्षेत्र के जंगलों में भी गोलीबारी की सूचना मिली थी, जहां DRG टीम इनपुट के आधार पर नक्सल-रोधी अभियान चला रही थी। बाद में तलाशी अभियान के दौरान तीन मृत माओवादियों के शव बरामद किए गए, जिनमें देवा के अलावा दो महिला नक्सली भी शामिल थीं।
घटनास्थल से पुलिस ने एक .303 रायफल, बैरेल ग्रेनेड लॉन्चर (BGL), बड़ी मात्रा में गोलाबारूद, नक्सली दस्तावेज और अन्य सामग्री जब्त की है।
पुलिस के अनुसार, इस वर्ष अब तक छत्तीसगढ़ में 262 से ज्यादा माओवादी मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं, जो नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों की महत्वपूर्ण सफलता को दर्शाता है।

