सेंसेक्स-निफ्टी में ऐतिहासिक गिरावट, ग्लोबल मार्केट में हड़कंप
शेयर बाजार में जारी गिरावट का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। फरवरी महीने के आखिरी दिन भी सेंसेक्स और निफ्टी भारी नुकसान के साथ खुले। शुरुआती कारोबार में ही बाजार लाल निशान में चला गया, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
ग्लोबल मार्केट में हड़कंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा व्यापार नीतियों में किए गए बदलावों ने वैश्विक बाजार को हिला कर रख दिया है। ट्रंप ने मैक्सिको, कनाडा और चीन पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिससे वैश्विक व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी साफ दिखाई दे रहा है।
सेंसेक्स और निफ्टी में ऐतिहासिक गिरावट
1996 के बाद यह पहला मौका है जब सेंसेक्स इस तरह की ऐतिहासिक गिरावट का सामना कर रहा है। सेंसेक्स 1,000 अंकों से अधिक लुढ़क गया, जबकि निफ्टी भी 300 अंकों तक गिर चुका है। इस गिरावट के चलते निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये स्वाहा हो गए।
क्यों गिर रहा है बाजार?
अमेरिकी व्यापार नीतियों में बदलाव: डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ बढ़ाने की घोषणा से वैश्विक बाजार में अस्थिरता आई है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा भारी बिकवाली के कारण बाजार में मंदी का दौर जारी है।
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ गया है।
रुपये में कमजोरी: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया कमजोर हो रहा है, जिससे बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा है।
निवेशकों के लिए क्या करें?
विशेषज्ञों के अनुसार, निवेशकों को इस समय धैर्य बनाए रखना चाहिए और घबराहट में शेयर बेचने से बचना चाहिए। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह गिरावट एक अवसर भी हो सकती है, क्योंकि कई मजबूत कंपनियों के शेयर सस्ते मूल्य पर उपलब्ध हो सकते हैं।
बाजार की दिशा अब आगे वैश्विक संकेतों और सरकार की नीतियों पर निर्भर करेगी। निवेशकों को सतर्क रहने और सोच-समझकर निर्णय लेने की जरूरत है।