शारदाधाम को मिला राज्य पर्यटन स्थल का दर्जा
रायपुर, 19 जून 2025/ छत्तीसगढ़ और झारखंड की अंतर्राज्यीय सीमा पर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक एवं प्राकृतिक पर्यटन स्थल शारदाधाम को छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड ने चिन्हित राज्य पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल कर लिया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर लिया गया। पर्यटन बोर्ड ने इस आशय का परिपत्र जारी कर दिया है, जिससे शारदाधाम को नई पहचान मिल सकेगी। अब इस स्थल के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ पर्यटकों की मूलभूत आवश्यकताओं के लिए बजट भी उपलब्ध कराया जा सकेगा।
श्रद्धा और शिक्षा का केन्द्र : शारदाधाम
शारदाधाम न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि यह ज्ञान का भी प्रमुख स्थल है। यहां मां सरस्वती की भव्य प्रतिमा विराजमान है। छत्तीसगढ़ और झारखंड के जरूरतमंद बच्चों के लिए यहां नि:शुल्क आवास, भोजन एवं कोचिंग की विशेष व्यवस्था की गई है। शारदाधाम समिति के अध्यक्ष राजकुमार सिंह के अनुसार, समस्त व्यय श्रद्वालुओं के सहयोग से संचालित होता है।
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थल
शारदाधाम, जशपुर जिले के दुलदुला ब्लॉक में, जिला मुख्यालय से लगभग 30 किमी दूर स्थित है। यह स्थल घने जंगलों से घिरा हुआ है तथा समीप बहती गिरमा नदी की कलकल ध्वनि वातावरण को आध्यात्मिक बना देती है। मां सरस्वती का मंदिर पूर्णत: श्रमदान से निर्मित है, जिसका डिज़ाइन झारखंड के लचलागढ़ हनुमान मंदिर की तर्ज पर तैयार किया गया है।
पर्यटन विकास की दिशा में तीव्र पहल
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जशपुर जिले को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने के प्रयास जारी हैं। कुनकुरी ब्लॉक के मयाली नेचर कैंप के लिए भारत दर्शन योजना के अंतर्गत 10 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। वहीं, मधेश्वर महादेव को हाल ही में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग घोषित किया है।
फरसाबहार ब्लॉक के कोतेबीराधाम में लक्ष्मण झूला की तर्ज पर पुल निर्माण की घोषणा भी की गई है। देशदेखा और रानीदाह जैसे अन्य पर्यटन स्थलों को भी तेजी से विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री का लक्ष्य ग्रीन उद्योगों के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है।