शरद पूर्णिमा पर काव्य-गोष्ठी आयोजित
रायपुर, 7 अक्टूबर 2025। शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर राजधानी रायपुर के अवंति विहार में सोमवार शाम साहित्यिक रंगों से सराबोर “शरदोत्सव काव्य गोष्ठी” का आयोजन किया गया। यह आयोजन संकेत साहित्य समिति, रायपुर के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। गोष्ठी में छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए साहित्यकारों और कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से शरद ऋतु की माधुर्य और मानवीय भावनाओं की अभिव्यक्ति की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हैदराबाद के वरिष्ठ साहित्यकार सत्यप्रसन्न राव थे, जबकि अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध भाषा-विज्ञानी और कवि डॉ. चित्तरंजन कर ने की। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि और व्यंग्यकार गिरीश पंकज उपस्थित रहे।
गोष्ठी का संयोजन कवयित्री पूर्वा श्रीवास्तव ने किया और संचालन की जिम्मेदारी कवयित्री पल्लवी झा ने निभाई। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इसके बाद अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र एवं श्रीफल प्रदान कर किया गया।
इस अवसर पर जितेन्द्र श्रीवास्तव एवं गणेशदत्त झा विशेष रूप से उपस्थित थे। गोष्ठी के प्रारंभ में संकेत साहित्य समिति के संस्थापक एवं प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ ने शरदोत्सव के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “शरद ऋतु केवल प्रकृति का उत्सव नहीं, बल्कि मनुष्य के भीतर की निर्मलता का भी प्रतीक है।”
डॉ. चित्तरंजन कर ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि “शब्द ही ब्रह्म हैं, उनमें ईश्वर का वास होता है। साहित्य, मनुष्य को संवेदना और सत्य के निकट लाता है।” मुख्य अतिथि सत्यप्रसन्न राव ने साहित्यिक आयोजनों की सामाजिक प्रासंगिकता पर विचार रखते हुए कहा कि “ऐसे आयोजन समाज में संवाद और संवेदना की संस्कृति को सशक्त करते हैं।” वहीं गिरीश पंकज ने कहा, “यह एक आत्मीय गोष्ठी है जहाँ सत्य भी है और प्रसन्नता भी — यही साहित्य का उद्देश्य है।”
गोष्ठी में रचनाकारों ने विविध विषयों पर कविताएँ प्रस्तुत कीं, जिनमें शरद पूर्णिमा, प्रकृति, मानव संबंध, सामाजिक सरोकार और आत्मचिंतन प्रमुख रहे। काव्यपाठ करने वाले कवियों में — डॉ. चित्तरंजन कर, सत्यप्रसन्न राव, गिरीश पंकज, डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’, सुरेन्द्र रावल, संजीव ठाकुर, राजेश जैन ‘राही’, माधुरी कर, डॉ. दीनदयाल साहू, शशि सुरेन्द्र दुबे, शशांक खरे, पल्लवी झा, पूर्वा श्रीवास्तव, सुषमा पटेल, सीमा पांडे, डॉ. सीमा निगम, बी.बी.पी. मोदी, श्रवण चोरनेले, छबिलाल सोनी और एकता शर्मा सहित अनेक रचनाकार शामिल थे।
गोष्ठी के समापन अवसर पर सीमा पांडे ने संकेत साहित्य समिति की ओर से सभी अतिथियों और रचनाकारों का आभार व्यक्त किया।