अनुच्छेद 370 के बाद आतंकवाद में कमी, अमित शाह बोले – मिशन मोड में चले कार्रवाई, अमरनाथ यात्रा रहे शांतिपूर्ण
केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को श्रीनगर में एक उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद हुई प्रगति को स्थायी बनाने की अपील की। उन्होंने सभी सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे समन्वय के साथ काम जारी रखें, ताकि राज्य को आतंकवाद से मुक्त करने का लक्ष्य शीघ्र हासिल किया जा सके।
बैठक के दौरान शाह ने आतंक से जुड़ी घटनाओं, घुसपैठ और आतंकवादी संगठनों में युवाओं की भर्ती में आई कमी पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के प्रति सरकार की “जीरो टॉलरेंस” नीति को दोहराया और कहा कि अब समय है कि इस नीति को ज़मीन पर पूरी तरह से लागू किया जाए।
आतंक के ढांचे को किया गया ध्वस्त
गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की सुनियोजित और सशक्त कार्यनीति के चलते जम्मू-कश्मीर में आतंक का पूरा इकोसिस्टम कमजोर पड़ चुका है। उन्होंने सुरक्षा बलों को निर्देश दिए कि “एरिया डोमिनेशन प्लान” और “ज़ीरो टेरर प्लान” को मिशन मोड में लागू किया जाए।
अमरनाथ यात्रा की तैयारी पर भी चर्चा
बैठक में इस वर्ष 3 जुलाई से 9 अगस्त तक प्रस्तावित अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की भी समीक्षा की गई। शाह ने संबंधित एजेंसियों से कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और यात्रा के सफल संचालन के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएं।
बैठक में शामिल हुए कई शीर्ष अधिकारी
इस उच्चस्तरीय बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, आईबी प्रमुख तपन डेका, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल एम वी सुचिंद्र कुमार, मुख्य सचिव अतुल डुल्लू, पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात समेत सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ, एनएसजी के प्रमुख अधिकारी भी मौजूद रहे।
गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार आतंकवाद के सफाए के लिए हर आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवा रही है और जम्मू-कश्मीर को स्थायी शांति की ओर ले जाना उसकी प्राथमिकता है।