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जयशंकर, भारत-चीन संबंध शांति के बिना सामान्य नहीं, संसद में विधेयक पेश होंगे

भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों पर लोकसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में चीन के साथ डिसइंगेजमेंट और पेट्रोलिंग पर हुए समझौते को लेकर संबोधन किया। उन्होंने कहा, “भारत-चीन संबंध सीमा क्षेत्रों में शांति के बिना सामान्य नहीं हो सकते।” जयशंकर ने यह भी बताया कि तत्काल प्राथमिकता सीमावर्ती क्षेत्रों से तनाव बिंदुओं से disengagement सुनिश्चित करना था, जिसे पूरी तरह से हासिल कर लिया गया है। 2020 में जो व्यवधान उत्पन्न हुए, उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया, जिसके कारण लंबे समय तक शांति के लिए संबंधों को फिर से संतुलित करना आवश्यक हो गया।

लोकसभा में पेश होने वाले बिल: दोनों सदनों ने आज सामान्य कार्यवाही शुरू की, जो सरकार और विपक्ष के बीच एक सप्ताह लंबे गतिरोध के बाद संभव हो पाई। मंगलवार को लोकसभा में दो महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे – बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक और रेलवे (संशोधन) विधेयक। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि 13-14 दिसंबर को लोकसभा में संविधान पर चर्चा होगी, इसके बाद 16-17 दिसंबर को राज्यसभा में चर्चा होगी।

पहले सप्ताह का गतिरोध क्यों था? शीतकालीन सत्र का पहला सप्ताह पूरी तरह से हंगामे और बार-बार की स्थगन के कारण बर्बाद हो गया। विपक्ष के सांसद, खासकर कांग्रेस से, आदानी रिश्वत कांड पर चर्चा की मांग कर रहे थे। 25 नवंबर से सत्र की शुरुआत के बाद से विपक्ष ने मणिपुर हिंसा और सम्भल हिंसा जैसे मुद्दों पर सरकार के खिलाफ जोरदार हंगामा किया था, जिससे संसद की कार्यवाही प्रभावित हुई।

इस प्रकार, शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह में लगातार व्यवधानों और विपक्षी दलों के विरोध ने संसद की कार्यवाही को पूरी तरह से प्रभावित किया।

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