संघ का व्यापक जनसंपर्क अभियान: हर गांव-बस्ती तक पहुंचेगा शताब्दी संदेश
नई दिल्ली, 6 जुलाई 2025 — केशव कुंज, दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक रविवार को सम्पन्न हुई। इस अवसर पर आयोजित प्रेस वार्ता में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर ने बैठक की प्रमुख जानकारियाँ साझा कीं। बैठक में पूजनीय सरसंघचालक जी एवं माननीय सरकार्यवाह जी का मार्गदर्शन सभी कार्यकर्ताओं को प्राप्त हुआ।
शताब्दी वर्ष की योजनाएं
श्री आंबेकर ने बताया कि बैठक का प्रमुख केंद्रबिंदु संघ के शताब्दी वर्ष (2025–26) की योजनाएं रहीं। उन्होंने कहा कि:
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ग्रामीण क्षेत्रों में मंडल स्तर एवं शहरी क्षेत्रों में बस्ती स्तर पर हिन्दू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।
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वर्तमान में संघ रचना के अनुसार देश में 58,964 मंडल एवं 44,055 बस्तियाँ हैं।
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11360 खंडों/नगरों में सामाजिक सद्भाव बैठकों का आयोजन किया जाएगा।
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924 जिलों में प्रमुख नागरिक गोष्ठियाँ आयोजित होंगी, जिनमें भारत के विचार, भारत का गौरव, भारत का स्व जैसे विषयों पर चर्चा होगी।
उन्होंने बताया कि शताब्दी वर्ष का उद्देश्य भौगोलिक व सामाजिक दृष्टि से सर्वस्पर्शी व सर्वसमावेशी संपर्क स्थापित करना है। विजयादशमी उत्सव से इसकी औपचारिक शुरुआत होगी।
वृहद गृह संपर्क अभियान
बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रत्येक गांव और बस्ती के अधिकतम घरों तक संघ स्वयंसेवक पहुँचेंगे। श्री आंबेकर ने कहा कि यह अभियान केवल सूचना का प्रसार नहीं, बल्कि जनभागीदारी को सुनिश्चित करने का प्रयास होगा।
पंच परिवर्तन व समरसता
उन्होंने बताया कि संघ की दृष्टि में विकास केवल आर्थिक या तकनीकी नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों से परिपूर्ण होना चाहिए। पंच परिवर्तन — व्यक्तिगत जीवन, पारिवारिक मूल्य, सामाजिक सद्भाव, पर्यावरण संरक्षण एवं राष्ट्रीय चरित्र निर्माण — इन विषयों को जनसामान्य तक ले जाना शताब्दी वर्ष का उद्देश्य है।
मणिपुर की स्थिति पर चर्चा
बैठक में मणिपुर की वर्तमान परिस्थितियों पर भी चर्चा हुई। श्री आंबेकर ने बताया कि संघ स्वयंसेवक दोनों पक्षों से संवाद स्थापित कर सामाजिक सद्भाव स्थापित करने का कार्य कर रहे हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों से आए कार्यकर्ताओं ने स्थानीय चुनौतियों और अनुभवों को साझा किया।
प्रशिक्षण वर्गों की जानकारी
अप्रैल से जून 2025 के बीच देशभर में 100 प्रशिक्षण वर्गों का आयोजन किया गया। इनमें:
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40 वर्ष से कम आयु वर्ग के लिए आयोजित 75 वर्गों में 17,609 स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
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40–60 वर्ष के लिए आयोजित 25 वर्गों में 4,270 शिक्षार्थी शामिल हुए।
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कुल 8,812 स्थानों से स्वयंसेवकों की सहभागिता रही।
अन्य महत्वपूर्ण वक्तव्य
प्रेस वार्ता में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में श्री आंबेकर ने कहा:
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कन्वर्जन (धर्मांतरण) यदि लालच, मजबूरी, षड्यंत्र या दबाव से किया जाए, तो वह गलत है।
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संघ मानता है कि भारत की सभी भाषाएं राष्ट्रभाषाएं हैं और प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में ही होनी चाहिए।
उपस्थित प्रमुख व्यक्ति
इस अवसर पर दिल्ली प्रांत संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल, अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख श्री नरेंद्र ठाकुर एवं श्री प्रदीप जोशी उपस्थित रहे।