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भारत समेत एशियाई देशों में इंटरनेट संकट और वैश्विक सुरक्षा पर उठते सवाल

रेड सी (लाल सागर) में हुई अंडरसी केबल क्षति ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि 21वीं सदी की डिजिटल अर्थव्यवस्था कितनी संवेदनशील और असुरक्षित है। भारत, पाकिस्तान और मध्य पूर्व समेत कई एशियाई देशों की इंटरनेट स्पीड धीमी हो गई है और सेवाएँ बाधित हुई हैं। इस घटना ने न केवल तकनीकी स्तर पर बल्कि भू-राजनीतिक स्तर पर भी गहरी चिंता पैदा की है।

व्यापक असर

रेड सी क्षेत्र में स्थित SMW4 (South East Asia–Middle East–Western Europe 4) और IMEWE (India–Middle East–Western Europe) जैसी प्रमुख अंडरसी फाइबर-ऑप्टिक केबल अचानक कट गईं। ये केबल भारत, मध्य पूर्व और यूरोप को जोड़ने वाली डिजिटल धमनियाँ हैं। इनके क्षतिग्रस्त होने से इंटरनेट की गति और विश्वसनीयता प्रभावित हुई।

नेटवर्क निगरानी संस्था NetBlocks ने पुष्टि की कि इस आउटेज के कारण कई देशों में इंटरनेट स्पीड घट गई है और कनेक्शन अस्थिर हो गए हैं। भारत, पाकिस्तान और खाड़ी देशों के उपयोगकर्ताओं ने कनेक्टिविटी में भारी कमी की शिकायतें की हैं। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में Du और Etisalat जैसी प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों की सेवाएँ सबसे अधिक प्रभावित हुईं।

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Microsoft ने अपने अपडेट में कहा कि रेड सी में फाइबर कटने से Azure क्लाउड सेवा पर असर पड़ा है। यद्यपि सेवाएँ चालू हैं, परंतु “increased latency” (बढ़ी हुई विलंबता) दर्ज की जा रही है। कई कंपनियों के डिजिटल ऑपरेशन बाधित हुए हैं।

हूथी विद्रोहियों पर संदेह

इस घटना को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हूथी विद्रोहियों पर संदेह जताया गया है।

  • यमन स्थित हूथी समूह पर पहले भी समुद्री मार्गों और जहाज़ों पर हमले के आरोप लग चुके हैं।

  • पश्चिमी खुफिया एजेंसियों और क्षेत्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि रेड सी में सक्रिय हूथी विद्रोही इन अंडरसी केबलों को निशाना बना सकते हैं, ताकि वैश्विक संचार नेटवर्क पर दबाव बनाया जा सके।

  • कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह भी संभावना है कि यह कटाव आकस्मिक रहा हो, जैसे जहाज़ों के एंकर से क्षति पहुँचना।

हालाँकि हूथी विद्रोहियों ने इन आरोपों का स्पष्ट खंडन किया है और कहा है कि उनका इस घटना से कोई संबंध नहीं है। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाँच जारी है और कारणों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

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तकनीकी चुनौती

अंडरसी केबल की मरम्मत एक जटिल और लंबी प्रक्रिया है। विशेषज्ञों के अनुसार:

  • मरम्मत के लिए विशेष जहाज़ और प्रशिक्षित तकनीकी दल की आवश्यकता होती है।

  • समुद्र तल पर क्षति का पता लगाना और नए सेक्शन से जोड़ना कठिन व समय लेने वाला कार्य है।

  • अनुमान है कि सामान्य स्थिति बहाल करने में कई सप्ताह लग सकते हैं।

असर और निष्कर्ष

  • भारत, पाकिस्तान और मध्य पूर्वी देशों में इंटरनेट स्पीड प्रभावित।

  • UAE में मोबाइल और ब्रॉडबैंड सेवाएँ धीमी।

  • Microsoft Azure सहित कई क्लाउड सेवाओं पर असर।

  • डिजिटल लेन-देन और ऑनलाइन गतिविधियों में असुविधा।

यह घटना यह दर्शाती है कि वैश्विक इंटरनेट नेटवर्क अंडरसी केबलों पर कितनी गहरी निर्भरता रखता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में ऐसे हादसों या हमलों से बचाव के लिए वैकल्पिक मार्ग (redundant routes) और सुरक्षा उपायों पर अधिक निवेश करना होगा।