रेडी टू ईट योजना का पुनः शुभारंभ, रायगढ़ से शुरू हुई महिला स्व-सहायता समूहों की नई उड़ान
रायपुर, 10 जुलाई 2025/प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक और गारंटी को पूरा करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए पूरक पोषण आहार (रेडी टू ईट) निर्माण का कार्य पुनः महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस योजना के क्रियान्वयन की शुरुआत रायगढ़ जिले से की गई, जहां मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक भव्य समारोह में 10 महिला स्व-सहायता समूहों को रेडी टू ईट निर्माण एवं वितरण हेतु अनुबंध पत्र वितरित किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक पुरंदर मिश्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष शिखा रविंद्र गबेल, महापौर जीवर्धन चौहान एवं जिला पंचायत सदस्य सुषमा खलखो उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना न केवल आंगनबाड़ी बच्चों को पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होगी, बल्कि महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बनाएगी। राज्य सरकार का उद्देश्य महिला स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाकर स्वरोजगार और सामाजिक सम्मान की दिशा में उन्हें अग्रसर करना है। प्रारंभ में योजना को छह जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा और रायगढ़ पहला जिला बना जहाँ यह लागू हुआ है।
उन्होंने अपने संबोधन में यह भी बताया कि बीते डेढ़ वर्षों में राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री की गारंटी योजनाओं को धरातल पर उतारने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। प्रधानमंत्री आवास योजना, किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान समर्थन मूल्य, महिला सशक्तिकरण हेतु महतारी वंदन योजना, तेन्दूपत्ता संग्राहकों को बढ़ी हुई दर, तीर्थयात्रा योजनाएँ एवं चरण पादुका योजना जैसे कई कार्य योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन के उदाहरण हैं।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अटल डिजिटल सेवा केन्द्रों की भी जानकारी दी, जो अब तक 1460 पंचायतों में स्थापित किए जा चुके हैं, ताकि ग्रामीण जनता को उनके गांव में ही बैंकिंग सेवाएं मिल सकें। इन सेवाओं से हजारों महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं और वित्तीय रूप से सशक्त बन रही हैं।
इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री के ‘3 करोड़ लखपति दीदी’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योजनाबद्ध कार्य कर रही है। रेडी टू ईट योजना इस दिशा में एक सशक्त पहल है। उन्होंने अनुबंधित महिला समूहों से गुणवत्तापूर्ण कार्य करने का आह्वान करते हुए इसे राज्य के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित करने की प्रेरणा दी।
रायगढ़ जिले की 10 परियोजनाओं — रायगढ़ शहरी, रायगढ़ ग्रामीण, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, मुकड़ेगा, धरमजयगढ़ एवं कापू — के अंतर्गत कार्यरत आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए चयनित महिला स्व-सहायता समूहों को रेडी टू ईट निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन समूहों को प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज (PMFME) योजना के तहत उद्योग विभाग द्वारा पूंजीगत सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी, जिससे वे उत्पादन इकाइयों की स्थापना कर सकेंगी।
यह योजना न केवल पोषण के स्तर को सुधारने में सहायक सिद्ध होगी, बल्कि महिलाओं के लिए रोजगार, आत्मनिर्भरता और सामाजिक सशक्तिकरण का मार्ग भी प्रशस्त करेगी। रायगढ़ जिले से शुरू हुई यह पहल अब पूरे प्रदेश में विस्तार की ओर अग्रसर है।