सूर्यकिरण की तिरंगी उड़ान से गूंजा नवा रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्योत्सव पर वायुसेना का शानदार एयर शो
रायपुर, 5 नवम्बर 2025। छत्तीसगढ़ के राज्योत्सव के 25वें वर्ष पर नवा रायपुर के सेंध जलाशय का आसमान देशभक्ति और रोमांच से भर गया, जब भारतीय वायुसेना की विश्वप्रसिद्ध ‘सूर्यकिरण’ एरोबैटिक टीम ने शानदार एयर शो प्रस्तुत किया। हज़ारों की भीड़ ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच आसमान में वायुसेना के जांबाज़ पायलटों के करतब देखे और “भारत माता की जय” तथा “जय जोहार” के नारों से पूरा परिसर गूंज उठा।
एयर शो को देश के उपराष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन, राज्यपाल श्री रमेन डेका, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह तथा कई मंत्रियों ने भी देखा। सभी ने इस भव्य आयोजन की सराहना करते हुए इसे “राज्य के गौरव और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक” बताया।
हवा में तिरंगे का जादू, अनुशासन और कौशल की मिसाल
‘सूर्यकिरण’ टीम ने अपने नौ हॉक एमके-132 विमानों के साथ अद्भुत फॉर्मेशन जैसे हार्ट, डायमंड, ग्रोवर, कॉम्बैट तेजस और लूप बनाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लाल-सफेद जेट विमानों से आसमान में लहराते तिरंगे रंगों की धारा ने हर किसी का दिल जीत लिया।
एयर शो के दौरान जब छत्तीसगढ़ के ही स्क्वाड्रन लीडर गौरव पटेल ने अपने कॉकपिट से ‘जय जोहार’ और ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ का उद्घोष किया, तो वहां मौजूद लोग गर्व और भावनाओं से भर उठे।
गरुड़ कमांडोज़ का स्काई ऑपरेशन बना आकर्षण का केंद्र
विंग कमांडर ए.वी. सिंह के नेतृत्व में एमआई-17 और एमआई-5 हेलीकॉप्टर यूनिट ने “आदिदेव” नामक हेलीकॉप्टरों से स्लिथरिंग ऑपरेशन और स्काई-ऑपरेशन के करतब दिखाए। केवल 15 मीटर की ऊंचाई पर मंडराते हेलीकॉप्टरों से गरुड़ कमांडोज़ ने रस्सियों के सहारे नीचे उतरकर अद्भुत साहस और प्रशिक्षण का प्रदर्शन किया।
आसमान से मिली बधाई
‘सूर्यकिरण’ टीम के लीडर ग्रुप कैप्टन अजय दशरथी ने आसमान से ही छत्तीसगढ़ की जनता को रजत जयंती की शुभकामनाएं दीं। वहीं फ्लाइट लेफ्टिनेंट कंवल संधू ने लाइव कमेंट्री के ज़रिए शो के प्रत्येक करतब का रोमांचक वर्णन किया, जिससे दर्शक पायलटों के अनुशासन, सटीकता और जोखिम-प्रबंधन की बारीकियों को समझ सके।
‘सूर्यकिरण’ टीम: भारत की उड़ान का गर्व
भारतीय वायुसेना की सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम एशिया की एकमात्र नौ-विमान वाली एरोबैटिक टीम है। 1996 में स्थापित इस टीम ने अब तक 700 से अधिक प्रदर्शन देश-विदेश में कर चुकी है। यह टीम पूरी तरह से भारत में निर्मित हॉक एमके-132 विमान उड़ाती है। सूर्यकिरण टीम का उद्देश्य केवल हवाई कलाबाज़ी दिखाना नहीं, बल्कि देश के युवाओं में अनुशासन, साहस और देशसेवा की प्रेरणा जगाना है।
टीम में कुल 13 पायलट, 3 इंजीनियरिंग अधिकारी, एक उद्घोषक और एक चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं। महीनों की कठोर ट्रेनिंग और तालमेल के अभ्यास के बाद ही वे ऐसी क्लोज फॉर्मेशन फ्लाइंग कर पाते हैं, जिसमें नौ विमान मानो एक ही आत्मा से नियंत्रित होते हैं।
राज्योत्सव 2025 का यह एयर शो छत्तीसगढ़ के इतिहास में यादगार बन गया — एक ऐसा क्षण जब आकाश ने भी ‘जय जोहार’ के स्वर में देशभक्ति का रंग भर दिया। 🇮🇳

