राजनांदगांव को मिला राष्ट्रीय गौरव: ईस्ट जोन का ‘बेस्ट डिस्ट्रिक्ट’ सम्मान जल संरक्षण में सामुदायिक प्रयासों की मिसाल
रायपुर, 12 नवंबर 2025 — छत्तीसगढ़ का राजनांदगांव जिला जल संरक्षण और जनभागीदारी के क्षेत्र में पूरे देश के लिए आदर्श बन गया है। जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा घोषित 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 में राजनांदगांव को देश के ईस्ट जोन में ‘बेस्ट डिस्ट्रिक्ट’ के रूप में चुना गया है। यह सम्मान 18 नवंबर 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा प्रदान किया जाएगा।
यह उपलब्धि जिले में जल संरक्षण, संवर्धन और जनसहभागिता को लेकर चलाए गए सतत अभियानों का परिणाम है। इस पुरस्कार के लिए देशभर के कई जिलों का मूल्यांकन किया गया था, जिसमें केंद्रीय भू-जल बोर्ड और केंद्रीय जल आयोग के विशेषज्ञों ने राजनांदगांव के कार्यों का विस्तृत निरीक्षण किया। परिणामस्वरूप, छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वी भारत के पाँच राज्यों में से राजनांदगांव को सर्वश्रेष्ठ जिले का दर्जा मिला।
जल संरक्षण में जनसहभागिता का अनूठा मॉडल
राजनांदगांव में जल संरक्षण को लेकर शासन, प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, महिला स्व-सहायता समूहों, उद्योगों, विद्यार्थियों और समाजसेवी संस्थाओं ने मिलकर ‘मिशन जल रक्षा’ को एक व्यापक जनआंदोलन का रूप दिया। गांवों से लेकर शहरों तक नागरिकों ने “जल है तो कल है” के संदेश को अपनाते हुए वर्षा जल संचयन, भू-जल पुनर्भरण और फसल चक्र परिवर्तन जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी।
केंद्रीय भू-जल बोर्ड की 2021-22 की रिपोर्ट में जिले के तीन ब्लॉकों को ‘सेमी-क्रिटिकल जोन’ के रूप में चिन्हित किया गया था। इस चुनौती को अवसर में बदलते हुए, प्रशासन ने जल स्तर को स्थिर और बेहतर करने के लिए तकनीकी योजनाएं लागू कीं।
‘मिशन जल रक्षा’ बना सतत विकास की दिशा में प्रेरक अभियान
इस मिशन के अंतर्गत जिले में जीआईएस आधारित तकनीकी योजनाएं, रिचार्ज संरचनाएं, बोरवेल इंजेक्शन वेल, फार्म पॉन्ड, और तालाबों के पुनर्जीवन जैसे कार्य किए गए। महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा “नीर और नारी जल यात्रा” जैसी पहलों ने जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने में अहम भूमिका निभाई।
पद्मश्री फूलबासन बाई यादव के नेतृत्व में महिलाओं ने गांव-गांव जाकर जल यात्राएं निकालीं, जिससे समाज में जनजागरूकता का माहौल बना। विद्यार्थियों ने रैलियों, प्रतियोगिताओं और पौधारोपण अभियानों के माध्यम से इस प्रयास को बल दिया।
सामूहिक प्रयासों की राष्ट्रीय पहचान
राजनांदगांव की यह उपलब्धि केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि सामुदायिक एकता और जनसहयोग की भी प्रतीक है। जिले ने यह साबित किया है कि जब जनता किसी मिशन का हिस्सा बनती है, तो संसाधनों का संरक्षण और सतत विकास दोनों संभव हैं।
18 नवंबर को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले समारोह में जिले को जनभागीदारी आधारित जल प्रबंधन के क्षेत्र में एक अन्य सम्मान भी मिलने जा रहा है। यह सम्मान आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संरक्षण और जिम्मेदारीपूर्ण संसाधन प्रबंधन का संदेश देता है।

