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‘प्रीत मिलेगी राह में’ का विमोचन : दोहों और ग़ज़लों से महका वृंदावन सभागार

रायपुर, 20 जुलाई 2025/ राजधानी रायपुर के वृंदावन सभागार में 19 जुलाई को आयोजित एक भव्य साहित्यिक कार्यक्रम में राजेश जैन ‘राही’ की 15वीं पुस्तक ‘प्रीत मिलेगी राह में’ (श्रृंगार दोहा संग्रह) का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठित साहित्यिक हस्तियां और विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं डॉ. वर्णिका शर्मा, अध्यक्ष – छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग। विमोचन कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’, सेवानिवृत्त भारतीय वन सेवा अधिकारी इंद्रनाथ सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र रावल, डॉ. जे.के. डागर ‘विद्यासागर’, कवयित्री शकुंतला तरार और डॉ. सीमा श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से पुस्तक का लोकार्पण किया।

विमोचित दोहा संग्रह पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ ने इसे भावप्रवण और रस-संवेदनात्मक कृति बताया। मुख्य अतिथि डॉ. वर्णिका शर्मा और अन्य सभी अतिथियों ने दोहा संग्रह के प्रकाशन पर कवि राजेश जैन ‘राही’ को हार्दिक बधाई दी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता सुविख्यात ग़ज़ल गायक राजेश सिंह (सेवानिवृत्त भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी) ने की। युवा संस्था के संस्थापक एम. राजीव और डॉ. महेंद्र ठाकुर की विशेष उपस्थिति रही।

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इस अवसर पर डॉ. वर्णिका शर्मा को ‘नवरंग समाज रत्न’ सम्मान से अलंकृत किया गया। अभिनंदन पत्र का वाचन योगिता साहू ने किया। मंच का संचालन डॉ. सीमा श्रीवास्तव और राजेश जैन ‘राही’ ने किया।

कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से अनेक रचनाकार शामिल हुए। रचनाकारों को ‘कुछ बादल – कुछ धूप’ विषय पर काव्य रचना के लिए आमंत्रित किया गया, जिससे वर्षा ऋतु का सजीव साक्षात्कार हुआ। झमाझम बारिश के बीच दोहों, गीतों और ग़ज़लों की साहित्यिक वर्षा से वृंदावन सभागार भाव-विभोर हो गया।

इस अवसर पर राजेश जैन ‘राही’ ने अपने दोहे सुनाकर वातावरण को अभिभूत किया। अंजनी अग्रवाल ने उनके दोहों का सस्वर गायन किया। प्रतिष्ठित ग़ज़ल गायक राजेश सिंह ने अपने सुरीले गायन से समां बांध दिया।

काव्यपाठ करने वाले अन्य रचनाकारों में गोपाल सोलंकी, एम.पी. विश्वकर्मा, छबिलाल सोनी, राजेन्द्र ओझा, किरण लता वैद्य, शायरा नूर सुब्ह सबा, उर्मिला देवी उर्मि, मोहम्मद इरफान खान, राकेश तिवारी, भागीरथ वर्मा, परवेज रायपुरी, अदिति तिवारी, प्रदीप कश्यप और यज्ञदत्त साहू सहित अनेक कवि उपस्थित थे।

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