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भिलाई में ‘राजा भरथरी’ लोकगाथा पर आधारित नाट्य मंचन, राजेन्द्र साहू हुए सम्मानित

भिलाई नगर, 19 जून 2025/ भिलाई इस्पात संयंत्र के कला मंदिर (सिविक सेंटर) में राजा भरथरी की लोकगाथा पर आधारित नाट्य मंचन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध लोकगायक राजेन्द्र साहू (कंडरका वाले) को सम्मानित किया गया। उन्होंने गंगा साहू के साथ मिलकर नाटक में सजीव गायन प्रस्तुत किया, जिससे मंचन में दृश्य प्रभाव अत्यंत प्रभावशाली बन पड़ा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुंडरदेही के विधायक कुंवर सिंह निषाद एवं भिलाई नगर निगम के महापौर नीरज पाल रहे। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. परदेशी राम वर्मा ने राजेन्द्र साहू को मिथिलेश साहू की परंपरा का प्रमुख लोकगायक बताते हुए उन्हें हार्दिक बधाई दी।

लोकगाथा को नाट्यशैली में प्रस्तुत करने का अभिनव प्रयोग
नाटक का निर्देशन भूपेन्द्र साहू (निवासी बारूका) ने किया, जो भारत भवन भोपाल में 13 वर्षों तक कार्यरत रहे हैं। उन्होंने बी. वी. कारंत, एम. के. रैना जैसे प्रतिष्ठित निर्देशकों के सान्निध्य में नाट्य कला का गहन प्रशिक्षण लिया है। पारंपरिक रूप से गाए जाने वाले भरथरी की कथा को उन्होंने नाट्य रूप में प्रस्तुत कर अभिनव प्रयोग किया।

नाटक में गायन और संवादों का ऐसा संयोजन रहा कि हर दृश्य, संगीत के साथ सहज रूप में प्रवाहित होता गया। मंच पर सभी कलाकारों की उपस्थिति और लोक धारा सांस्कृतिक संस्था की भागीदारी से कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा।

छत्तीसगढ़ रंगमंच को नया जीवन
डॉ. वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लंबे समय से थिएटर की गतिविधियाँ धीमी थीं, लेकिन भूपेन्द्र साहू ने साहसिक प्रयास करते हुए राजा भरथरी की लोकगाथा को मंच पर प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि इस नाटक का प्रदर्शन छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में भी किया जाएगा।

राजा भरथरी, जिन्होंने श्रृंगार शतक और वैराग्य शतक जैसे साहित्यिक ग्रंथ रचे, पहले एक यशस्वी राजा थे, बाद में गुरु गोरखनाथ के प्रसिद्ध शिष्य बनकर संत जीवन अपनाया।