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रायपुर की रेल संचालन क्षमता होगी दोगुनी, मुख्यमंत्री ने बताया छत्तीसगढ़ के यात्रियों के लिए बड़ा तोहफ़ा

रायपुर, 26 दिसंबर 2025/ भारतीय रेलवे द्वारा अगले पाँच वर्षों में देश के 48 प्रमुख शहरों में रेलगाड़ियों की संचालन क्षमता दोगुनी करने की महत्वाकांक्षी योजना में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को भी शामिल किया गया है। इस निर्णय का स्वागत करते हुए विष्णु देव साय ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के करोड़ों यात्रियों के लिए बड़ा तोहफ़ा है। इससे राज्य की कनेक्टिविटी के साथ-साथ व्यापार, उद्योग और पर्यटन गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे का व्यापक आधुनिकीकरण किया जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा घोषित इस योजना से छत्तीसगढ़ जैसे उभरते राज्य को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि रायपुर जंक्शन देश के प्रमुख रेल जंक्शनों में से एक है, जहाँ प्रतिदिन लाखों यात्री आवागमन करते हैं। संचालन क्षमता दोगुनी होने से अधिक ट्रेनों का संचालन, बेहतर आवृत्ति और भीड़भाड़ में कमी का लाभ यात्रियों को मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर के साथ-साथ राज्य के अन्य औद्योगिक और वाणिज्यिक नगरों के लिए भी यह योजना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। रेल संरचना के विस्तार से निवेश, रोजगार और लॉजिस्टिक्स की सुगमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।

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रेल मंत्रालय द्वारा जारी जानकारी के अनुसार वर्ष 2030 तक संचालन क्षमता दोगुनी करने के लिए मौजूदा टर्मिनलों पर अतिरिक्त प्लेटफॉर्म, पिट लाइन और स्टेबलिंग लाइन का निर्माण, शहरी क्षेत्रों और आसपास नए टर्मिनलों की स्थापना, सिग्नलिंग एवं यार्ड का आधुनिकीकरण, मल्टीट्रैकिंग के माध्यम से अनुभागीय क्षमता में वृद्धि तथा मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स और आधुनिक रखरखाव सुविधाओं का विकास किया जाएगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि रायपुर में इन सुविधाओं के विकसित होने से आम यात्रियों के साथ-साथ छात्रों, मरीजों, उद्योगपतियों और व्यापारियों को भी बड़ी राहत मिलेगी। राज्य सरकार रेलवे मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित कर इस योजना को तेज़ी से धरातल पर उतारने के लिए हर संभव सहयोग देगी।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ देश के सर्वाधिक बेहतर रेल संपर्क वाले राज्यों में शामिल होगा और यह परिवर्तन “विकसित भारत @2047” के संकल्प को सशक्त बनाएगा।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में 41 हजार करोड़ रुपये की लागत से रेलवे सुविधाओं के विस्तार का कार्य तेज़ी से चल रहा है। इसमें रेलवे ट्रैक का विस्तार, लाइनों का दोहरीकरण, रेलवे फ्लाईओवर और ब्रिज निर्माण शामिल हैं। केंद्र सरकार ने चालू बजट में छत्तीसगढ़ में रेलवे विकास के लिए 6,925 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिससे रेल परियोजनाओं को गति मिलेगी।

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राज्य में रेलवे उन्नयन और विकास के लिए 41,000 करोड़ रुपये के निवेश से नई रेल लाइनों, रेलवे फ्लाईओवर और अन्य बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में रेलवे का शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य पूर्ण हो चुका है।

मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति छत्तीसगढ़ की रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राज्य को अभूतपूर्व रेल परियोजनाओं की सौगात मिली है, जो विकास को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगी।

राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच बेहतर समन्वय के कारण छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क विस्तार की ऐतिहासिक पहल हो रही है। इससे यात्री सुविधाओं में सुधार के साथ-साथ औद्योगिक, खनिज और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

छत्तीसगढ़ में रेलवे के दीर्घकालिक विकास के लिए रावघाट–जगदलपुर, धरमजयगढ़–लोहरदगा और खरसिया–नया रायपुर–परमलकसा जैसी नई रेल परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। रावघाट रेलवे लाइन के अंतर्गत दल्लीराजहरा–अंतागढ़ (77 किमी) सेक्शन में यात्री ट्रेनों का संचालन प्रारंभ हो चुका है। रावघाट तक विस्तार से भिलाई इस्पात संयंत्र को लौह अयस्क की आपूर्ति होगी और ग्रामीणों को किफायती यातायात सुविधा मिलेगी।

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के.के. रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना में 170 किमी में से 148 किमी का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिससे बस्तर और दंतेवाड़ा जिलों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। 4,021 करोड़ रुपये की लागत वाली डोंगरगढ़–कवर्धा–कटघोरा रेल लाइन (295 किमी) से खनिज परिवहन, यात्री सुविधाओं और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। कोरबा–अंबिकापुर नई रेल लाइन से सरगुजा क्षेत्र को विकास की नई दिशा मिलेगी। गढ़चिरौली–बीजापुर–बचेली 490 किमी लंबी परियोजना के सर्वेक्षण के लिए 12.25 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जबकि सरडेगा–भालुमुड़ा डबल लाइन से ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच रेल कनेक्टिविटी और सुदृढ़ होगी।