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रायपुर जिले की 250 राशन दुकानों का संचालन अब ग्राम पंचायतों के हाथ में, कलेक्टर ने लिया बड़ा फैसला

रायपुर जिले में धान खरीदी के दौरान सहयोग नहीं करने वाली सहकारी समितियों पर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने सख्त कदम उठाया है। रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद धान खरीदी में बाधा डालने वाले 250 राशन दुकानों का संचालन अब ग्राम पंचायतों को सौंप दिया गया है। कलेक्टर ने पंचायतों से कहा है कि वे अपने स्थानीय लोगों की मदद से इन दुकानों का संचालन सुनिश्चित करें।

जानकारी के अनुसार, सहकारी समितियों द्वारा किसानों को मंडियों में धान बेचने से रोका जा रहा था और कई बार किसानों को मंडियों से वापस भेजा गया। लगातार शिकायतें मिलने के बाद कलेक्टर ने यह आदेश जारी किया। अब रायपुर जिले की इन 250 राशन दुकानों का संचालन सीधे ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाएगा।

कंप्यूटर ऑपरेटरों पर एफआईआर:
राज्य में हड़ताल पर गए सहकारी समितियों के कर्मचारियों पर सरकार ने छत्तीसगढ़ अति आवश्यक सेवा संधारण व विच्छिन्नता निवारण अधिनियम, 1979 के तहत कार्रवाई की है। पुरानी बस्ती, खरोरा, धरसींवा और तिल्दा-नेवरा थानों में दर्जनभर कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज की गई। इनमें राजू दास, ओमप्रकाश माहले, विजय गुप्ता, सुवेश, आनंद, बृज मोहन देवांगन, रामकुमार वर्मा, पोषण लाल धुरंधर और कौशल वर्मा शामिल हैं। सभी कर्मचारी मंडियों में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थे।

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हड़ताली समिति प्रबंधकों को झटका:
कलेक्टर के इस फैसले से हड़ताल पर बैठे सहकारी समिति प्रबंधकों को बड़ा झटका लगा है। समिति प्रबंधकों ने आरोप लगाया है कि यह कदम हड़ताल तोड़ने के लिए उठाया गया है। हालांकि अभी तक हड़ताल खत्म होने की कोई सूचना नहीं मिली है। ग्रामीण इलाकों में लंबे समय से राशन दुकानों का संचालन सहकारी समितियों द्वारा किया जाता रहा है, लेकिन अब यह जिम्मेदारी सीधे ग्राम पंचायतों को सौंप दी गई है।