रायगढ़ से शुरू हुआ “रेडी-टू-ईट” उत्पादन, महिला समूहों को मिला नया अवसर, बच्चों को मिलेगा पौष्टिक आहार
रायपुर/रायगढ़, 17 अगस्त 2025।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने महिला स्व-सहायता समूहों को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को धरातल पर उतारते हुए राज्य सरकार ने पूरक पोषण आहार “रेडी-टू-ईट” निर्माण का कार्य महिला समूहों को वापस दिलाया है। इस पहल की शुरुआत रायगढ़ जिले से की गई है, जो प्रदेश का पहला जिला बना जहां उत्पादन की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है।
हाल ही में मुख्यमंत्री श्री साय ने रायगढ़ जिले के 10 महिला स्व-सहायता समूहों को अनुबंध पत्र सौंपे थे। इसके बाद कोतरलिया ग्राम पंचायत में मशीनें स्थापित की गईं और शनिवार को औपचारिक रूप से उत्पादन का शुभारंभ हो गया। इस मौके पर वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने यूनिट का उद्घाटन किया और स्वयं मशीन चलाकर निर्माण प्रक्रिया का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह योजना न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी बल्कि आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़े हजारों बच्चों को गुणवत्तापूर्ण व पौष्टिक आहार भी उपलब्ध कराएगी। उन्होंने भरोसा जताया कि छत्तीसगढ़ जल्द ही देशभर में “लखपति दीदी” अभियान में अग्रणी राज्य बनेगा।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि रायगढ़ से शुरू हुई यह पहल आने वाले समय में प्रदेश के सभी जिलों तक पहुंचेगी। उन्होंने महिला समूहों से गुणवत्ता बनाए रखने का आह्वान करते हुए कहा कि यह मॉडल पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा बनेगा।
रायगढ़ जिले में इस समय 2709 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, जिन्हें अब महिला समूहों द्वारा निर्मित “रेडी-टू-ईट” आहार उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए चुने गए समूहों को प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज (PMFME) योजना के तहत पूंजीगत सब्सिडी भी दी जा रही है।
प्रथम चरण में यह परियोजना प्रदेश के छह जिलों—रायगढ़, बस्तर, दंतेवाड़ा, कोरबा, बलौदाबाजार और सूरजपुर में लागू की जा रही है। इनमें से रायगढ़ पहला जिला है जिसने उत्पादन की शुरुआत कर दी है।
यह कदम न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य सुधार की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा।