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छत्तीसगढ़ में राजस्व सेवाओं को त्वरित और पारदर्शी बनाने के निर्देश: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर, 26 अप्रैल 2025। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में राजस्व विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा की और आम नागरिकों को त्वरित तथा सहज राजस्व सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने फौती–नामांतरण प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने और समय-सीमा के भीतर कार्य पूर्ण करने पर विशेष जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देशित किया कि विधिक वारिसान के पक्ष में समय पर फौती नामांतरण सुनिश्चित किया जाए। तय समयसीमा में कार्य पूरा न करने पर संबंधित पटवारियों की जवाबदेही तय कर उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए।

उन्होंने आरबीसी 6-4 के अंतर्गत पीड़ित परिवारों को तात्कालिक सहायता उपलब्ध कराने और विभिन्न विभागों के बीच प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए, ताकि प्रभावित परिवारों को अनावश्यक विलंब का सामना न करना पड़े।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राजस्व विभाग का कार्य सीधे जनता से जुड़ा हुआ है, इसलिए विभागीय कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त आवेदनों के त्वरित निराकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व न्यायालय का संचालन सप्ताह में न्यूनतम दो दिन अनिवार्य रूप से किया जाए और अत्यावश्यक परिस्थितियों को छोड़कर पेशी की तिथि बढ़ाने से बचा जाए। दो पेशी में ही प्रकरणों के निराकरण का प्रयास हो।

ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक के अधिकतम उपयोग पर बल देते हुए उन्होंने डायवर्सन प्रक्रिया को सरल और सहज बनाने के निर्देश दिए। अविवादित नामांतरण और बंटवारे के मामलों में अनावश्यक विलंब करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए।

डिजिटल क्रॉप सर्वे की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने राजस्व, कृषि, खाद्य तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभागों की संयुक्त टीम गठित कर भूमि और फसल संबंधी सटीक जानकारी एकत्र करने के निर्देश दिए।

राजस्व सचिव श्री अविनाश चंपावत ने बैठक में भूमि अभिलेखों के कंप्यूटरीकरण, पंजीयन के डिजिटलीकरण, मॉडर्न रिकॉर्ड रूम निर्माण, राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली के डिजिटलीकरण, किसान पंजीयन, डिजिटल क्रॉप सर्वे और जियो-रेफरेंसिंग कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि जिलों में लंबे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ पटवारियों का स्थानांतरण नियमित रूप से किया जा रहा है।

राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने कहा कि शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप जमीन की खरीदी-बिक्री सुनिश्चित की जाए और राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण कर भू-धारकों को शीघ्र राहत प्रदान की जाए।

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, श्री राहुल भगत, डॉ. बसवराजू, चिप्स के सीईओ श्री प्रभात मलिक तथा राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा:
“राजस्व विभाग का कार्य सीधे आम जनता से जुड़ा हुआ है, इसलिए विभागीय कार्यों में पारदर्शिता, त्वरित निष्पादन और समयबद्धता अत्यंत आवश्यक है। आम नागरिकों को राजस्व सेवाओं का त्वरित और सहज लाभ मिले, इसके लिए सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों का सर्वोच्च प्राथमिकता से निराकरण किया जाए। फौती–नामांतरण सहित सभी राजस्व प्रकरणों में अनावश्यक विलंब न हो, पीड़ित परिवारों को समय पर सहायता मिले, और राजस्व न्यायालयों का संचालन सप्ताह में न्यूनतम दो दिन नियमित रूप से किया जाए। मैदानी अमले की लापरवाही शासन की छवि को प्रभावित करती है, इसलिए अविवादित नामांतरण, बंटवारे सहित अन्य राजस्व मामलों के निराकरण में अनावश्यक देरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक का अधिकतम उपयोग कर डायवर्सन प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए।”

राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने कहा:
“शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप ही जमीन की खरीदी-बिक्री सुनिश्चित की जाए। राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण कर भू-धारकों को शीघ्र राहत प्रदान करें। आम नागरिकों को न्याय और सुविधा देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

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