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प्रयागराज मंदिर में प्रसाद पर प्रतिबंध, मिलावटी लड्डू विवाद का असर

प्रयागराज में मंदिर प्रशासन ने भक्तों को प्रसाद के रूप में मिठाई और अन्य प्रसंस्कृत वस्तुएं लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है, और इसके बजाय उन्हें नारियल, फल और सूखे मेवे लाने का आग्रह किया है। यह निर्णय आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में ‘मिलावटी’ लड्डू चढ़ाए जाने पर नाराजगी के मद्देनजर लिया गया है। संगम नगरी के प्रमुख मंदिरों, जैसे कि अलोप शंकरी देवी, बड़े हनुमान और मनकामेश्वर ने इन प्रतिबंधों की घोषणा की है।

प्रयागराज के प्रसिद्ध ललिता देवी मंदिर के मुख्य पुजारी शिव मूरत मिश्रा ने कहा कि मंगलवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि देवी को मिठाई का प्रसाद नहीं चढ़ाया जाएगा, बल्कि भक्तों से नारियल, फल, सूखे मेवे और इलायची चढ़ाने का अनुरोध किया गया है। मंदिर प्रशासन ने यह भी बताया कि परिसर में दुकानें खोली जाएंगी, जहां श्रद्धालुओं को शुद्ध मिठाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी।

यमुना किनारे स्थित मनकामेश्वर मंदिर के महंत श्रीधरानंद ब्रह्मचारी जी महाराज ने कहा कि तिरुपति विवाद के बाद बाहर से प्रसाद लाने पर रोक लगा दी गई है और मिठाइयों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट को पत्र लिखा गया है। इसके अलावा, बड़े हनुमान मंदिर के महंत बलबीर गिरि जी महाराज ने कहा कि मंदिर प्रबंधन खुद प्रसाद तैयार करेगा।

इससे पहले, लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर ने भी श्रद्धालुओं को घर का बना प्रसाद या फल चढ़ाने का निर्देश दिया था। यह कदम प्रसाद की सुरक्षा और प्रामाणिकता को लेकर बढ़ती चिंताओं को दर्शाता है। तिरुपति लड्डू विवाद तब शुरू हुआ जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार के दौरान लड्डू बनाने में घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया। इसके जवाब में वाईएसआरसीपी ने नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए “घृणित आरोप” लगाने का आरोप लगाया है। नायडू ने बाद में इन दावों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल की घोषणा की।

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