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पोला पर्व पर पारंपरिक उत्साह: बैल पूजा, भोजली विसर्जन और बैल दौड़ में शेखर रहे अव्वल

अर्जुनी।
ग्राम मल्दी में इस वर्ष भी पोरा तिहार धूमधाम और धार्मिक आस्था के साथ मनाया गया। सुबह से ही गांव में उत्सव जैसा माहौल रहा। महिलाओं और युवाओं ने मिलकर भोजली की शोभायात्रा निकाली, जो इंदिरा कॉलोनी, डिपरा पारा और मावली चौक से होते हुए विसर्जन तालाब तक पहुँची। भजन-कीर्तन और पूजा-अर्चना के साथ भोजली का विधिवत विसर्जन किया गया।

जनपद पंचायत उपाध्यक्ष भोला वर्मा ने बताया कि पोला पर्व ग्रामीण अंचलों का महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें किसान अपने बैलों की पूजा कर उन्हें सजाते-संवारते हैं। यही बैल खेती-किसानी के मुख्य आधार हैं, इसलिए उन्हें सम्मान देने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है।

त्योहार के अवसर पर किसानों ने अपने बैलों को स्नान कराकर आकर्षक वस्त्र, गहने और फूलों से सजाया। बैलों के सींगों पर रंग चढ़ाए गए और ढोल-नगाड़ों की थाप पर उन्हें पूरे गांव में घुमाया गया। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी इस परंपरा में पूरे उत्साह से शामिल हुए।

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पर्व की रौनक बढ़ाने के लिए बैल दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। इस रोमांचक प्रतियोगिता में शेखर ध्रुव (पिता महेश ध्रुव) ने प्रथम स्थान प्राप्त कर गांव का गौरव बढ़ाया, जबकि द्वितीय पुरस्कार भगवती यादव को मिला। विजेताओं को सरपंच भारती राकेश वर्मा ने नगद राशि देकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर राकेश वर्मा, सुनील वर्मा, तोरण वर्मा, पुरुषोत्तम वर्मा, गंगा प्रसाद वर्मा, संतोष वर्मा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे। मेलों, झांकी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कारण गांव का वातावरण उत्सवमय और जीवंत बना रहा।