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मुख्य सचिव विकास शील ने जनजातीय विद्रोहों पर आधारित संग्रहालय निर्माण स्थल पर पहुंचकर ली तैयारियों की समीक्षा

रायपुर, 14 अक्टूबर 2025/ अंग्रेजी शासनकाल में छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के शौर्य और बलिदान की स्मृति में नवा रायपुर, अटल नगर में निर्मित किए जा रहे भव्य शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय-सह-स्मारक को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्योत्सव के अवसर पर इस संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे। मुख्य सचिव विकास शील ने आज निर्माण स्थल पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर बनाया जा रहा यह संग्रहालय देश का पहला पूर्णतः डिजिटल संग्रहालय होगा। इसमें स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान छत्तीसगढ़ में हुए 14 प्रमुख आदिवासी विद्रोहों के साथ-साथ जंगल सत्याग्रह और झंडा सत्याग्रह पर अलग-अलग गैलरियाँ बनाई जा रही हैं। आगंतुक यहां इन जनजातीय आंदोलनों की जीवंत झलकें देख और सुन सकेंगे

निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि संग्रहालय में प्रदर्शित सभी वस्तुओं और सामग्रियों को उनके मूल स्वरूप में ही प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि ओरिएंटेशन रूम में प्रदर्शित डाक्यूड्रामा हल्बी, गोंडी या अन्य जनजातीय बोलियों में तैयार की जाए, ताकि यह स्थानीय संस्कृति से सीधा जुड़ाव स्थापित कर सके। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सभी गैलरियों का भ्रमण किया और आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

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प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने संग्रहालय में प्रदर्शित किए जाने वाले आदिवासी विद्रोहों का परिचय देते हुए पूरे रूट चार्ट की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर लोकार्पण की तैयारियों की समीक्षा की और कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण अवसर है कि देश का पहला डिजिटल आदिवासी संग्रहालय प्रधानमंत्री के कर-कमलों से लोकार्पित होने जा रहा है। उन्होंने सभी विभागों से आपसी समन्वय के साथ कार्य करने का आग्रह किया।

उन्होंने प्रधानमंत्री के लोकार्पण रूट-प्लान के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था, सौंदर्यीकरण, स्ट्रीट लाइट, वृक्षारोपण और विद्युत आपूर्ति जैसी व्यवस्थाएँ शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।

यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ के गौरवशाली जनजातीय इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम के संघर्षों का डिजिटल दस्तावेज होगा। इसमें 14 गैलरियों में हल्बा, सरगुजा, भोपालपट्टनम, परलकोट, तारापुर, लिंगागिरी, कोई, मेरिया, मुरिया, रानी चौरिस, भूमकाल, सोनाखान विद्रोह सहित झंडा और जंगल सत्याग्रह की वीर गाथाएँ जीवंत रूप में प्रदर्शित की जाएंगी।

बैठक में संभागायुक्त महादेव कावरे, आयुक्त आदिम जाति विकास विभाग डॉ. सारांश मित्तर, गृह निर्माण मंडल के आयुक्त अवनीश शरण, कलेक्टर गौरव सिंह, नगर निगम रायपुर के आयुक्त विश्वजीत, संचालक टीआरटीआई हिना अनिमेष नेताम, संचालक अंत्यावसायी विकास निगम डॉ. जगदीश कुमार सोनकर, अतिरिक्त कलेक्टर नम्रता जैन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेंद सिंह, डीआईजी सुरेश ठाकुर, एनआरडीए, सीएसईबी और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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