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पीएम मोदी ने कृषि बजट को प्रभावी बनाने के लिए सुझाव मांगे, दलहनों के उत्पादन पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि बजट के प्रस्तावों को जमीन पर अधिक प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए हितधारकों से सुझाव मांगे और देश में आयात पर निर्भरता कम करने के लिए दलहनों के उत्पादन में वृद्धि की आवश्यकता जताई।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक पोस्ट-बजट वेबिनार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि और ग्रामीण समृद्धि पर संबोधित करते हुए कहा कि हाल के वर्षों में देश ने दलहनों के उत्पादन में वृद्धि की है और चने और मूंग के मामले में आत्मनिर्भरता प्राप्त की है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि घरेलू खपत का 20% अब भी आयात पर निर्भर है, इसलिए तुअर, उरद और मसूर जैसी दलहनों का उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य के प्रति संकल्प स्पष्ट है। हम ऐसा भारत बना रहे हैं जहां किसान समृद्ध और सशक्त हों।” उन्होंने कृषि को विकास की पहली इंजन बताते हुए किसानों को सम्मान देने की बात भी की।

पीएम मोदी ने अपनी तीसरी बार की सरकार के पहले पूर्ण बजट में घोषित पहलों को भी प्रमुखता दी और पहले के उदाहरणों का हवाला दिया, जैसे पीएम-किसान (आय समर्थन योजना), जिससे उन्होंने कहा कि देशभर के करोड़ों किसानों को लाभ हुआ है। उन्होंने बताया कि पिछले छह वर्षों में इस योजना के तहत किसानों को 3.75 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं।

पीएम मोदी ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कई अन्य योजनाओं की चर्चा की और हितधारकों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि इन योजनाओं को सटीक और प्रभावी तरीके से लागू किया जाए।

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