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प्रधानमंत्री आवास योजना में 26,400 घर स्वीकृत: बलौदाबाजार में आवास चौपालों के माध्यम से तेजी से हो रहा कार्य

रायपुर, 30 नवम्बर 2025। प्रधानमंत्री आवास योजना आज ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए पक्का घर उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन साबित हो रही है। यह योजना केवल आवास की कमी को ही दूर नहीं करती, बल्कि ग्रामीण जीवन को अधिक मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने का आधार भी दे रही है। इसी उद्देश्य से कलेक्टर बलौदाबाजार के निर्देश पर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी के मार्गदर्शन में जिले की सभी ग्राम पंचायतों में आवास चौपालों का आयोजन किया जा रहा है, ताकि स्वीकृत आवासों का निर्माण शीघ्र शुरू हो सके और समय पर पूरा हो सके।

वर्ष 2025-26 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले को 26,400 आवासों की स्वीकृति मिली है। इनमें से राज्योत्सव के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25,580 हितग्राहियों के खातों में पहली किश्त जारी की गई। इसके बाद सभी पंचायतों में तकनीकी अधिकारियों द्वारा आवास चौपालें आयोजित की जा रही हैं, जिनमें नई स्वीकृति वाले हितग्राही, अपूर्ण आवासों के लाभार्थी, राजमिस्त्री, निर्माण सामग्री सप्लायर, पंचायत प्रतिनिधि और अन्य संबंधित लोग शामिल हो रहे हैं।

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इन चौपालों का उद्देश्य केवल संवाद करना नहीं, बल्कि हितग्राहियों को आवास निर्माण से जुड़ी तकनीकी जानकारी देना भी है। उन्हें बताया जा रहा है कि घर बनाते समय किन तकनीकी मापदंडों का पालन जरूरी है, किस तरह रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराया जा सकता है, और सौर सुजला योजना के तहत सोलर पैनल लगवाने के क्या लाभ हैं। साथ ही, योजना के तहत कन्वर्जेन्स के माध्यम से मिलने वाली सुविधाओं की भी जानकारी दी जा रही है। अब तक बलौदाबाजार की 56 पंचायतों, भाटापारा की 34, कसडोल की 24 और पलारी की 22 पंचायतों में आवास चौपालें संपन्न हो चुकी हैं।

योजना के क्रियान्वयन के दौरान एक महत्वपूर्ण पहलू पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है—यह कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण पूरी तरह निःशुल्क और पारदर्शी है। कलेक्टर बलौदाबाजार ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि किसी भी स्तर पर अनाधिकृत वसूली, कमीशन या सुविधा शुल्क की मांग नहीं की जा सकती। यदि कोई व्यक्ति आवास स्वीकृत कराने, किश्त जल्दी दिलाने या किसी बहाने से धन की मांग करता है, तो यह अवैध है और इसकी तत्काल शिकायत जनपद पंचायत सीईओ, जिला पंचायत सीईओ या कलेक्टर कार्यालय में दर्ज की जानी चाहिए। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि ऐसे मामलों में त्वरित जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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इस प्रकार आवास चौपालें न केवल आवास निर्माण में गति ला रही हैं, बल्कि ग्रामीणों को तकनीकी ज्ञान, जागरूकता और सुरक्षा का विश्वास भी दे रही हैं, जिससे प्रधानमंत्री आवास योजना का वास्तविक लाभ सीधे हितग्राहियों तक पहुंच सके।