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नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के लिए उन्मुखीकरण प्रशिक्षण प्रारंभ, मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

रायपुर, 5 जुलाई 2025/ राजधानी रायपुर के निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों के लिए तीन दिवसीय आधारभूत/उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पंचायती राज संस्थाएं ग्रामीण विकास की रीढ़ की हड्डी हैं और नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के पास क्षेत्र की दिशा और दशा बदलने का सुनहरा अवसर है। उन्होंने प्रेरक अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनका स्वयं का राजनीतिक सफर एक पंच के रूप में शुरू हुआ था और संघर्षों से होते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बनने तक का अवसर मिला। उन्होंने जोर देकर कहा कि “यदि दृढ़ इच्छाशक्ति हो, तो एक व्यक्ति भी पूरे जिले की तस्वीर बदल सकता है।”

मुख्यमंत्री ने ओडिशा के डॉ. अच्युत सामंत और चित्रकूट के नानाजी देशमुख के उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे एक व्यक्ति भी समाज में बड़ा परिवर्तन ला सकता है। उन्होंने बताया कि डॉ. सामंत द्वारा 25 हजार जनजातीय बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जा रही है और नानाजी देशमुख ने 80 से अधिक गांवों को आत्मनिर्भर बनाया।

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मुख्यमंत्री ने बस्तर के मुलेर ग्राम का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां के लोग राशन के लिए तीन दिन पैदल चलते थे। उनकी सरकार ने उसे अलग पंचायत घोषित कर राशन दुकान खोली, जिससे लोगों को राहत मिली। उन्होंने पंचायत अध्यक्षों से आह्वान किया कि गांवों का समग्र विकास ही विकसित छत्तीसगढ़ की आधारशिला है। उन्होंने प्रशिक्षण के समय का सदुपयोग करने, विकास कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और क्षेत्र में नियमित प्रवास करने की अपील की।

कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को पंचायती राज के कानूनी प्रावधानों की समुचित जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने ग्राम उन्नति के लिए दुग्ध उत्पादन जैसी आर्थिक गतिविधियों को अपनाने की बात कही, जिससे युवाओं को नई दिशा मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत एक लाख सत्तर हजार जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और आज इसकी शुरुआत हो रही है।

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इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने “पेसा : पंचायत उपबंध”, “छत्तीसगढ़ पंचायत उपबंध मार्गदर्शिका”, “पंचमन पत्रिका” और जनपद पंचायत अध्यक्षों, उपाध्यक्षों व सदस्यों के लिए पठन सामग्री का विमोचन किया। साथ ही संस्थान परिसर में मौलश्री का पौधरोपण भी किया।

कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारीक सिंह, सचिव भीम सिंह, संचालक प्रियंका ऋषि महोबिया तथा संस्थान के संचालक पी. सी. मिश्रा उपस्थित रहे।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पंचायत प्रतिनिधियों को उनकी भूमिकाओं और दायित्वों को बेहतर समझने तथा उन्हें प्रभावी ढंग से निर्वहन करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।