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पाहलगाम आतंकी हमले पर एससीओ बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर सख्त, कहा – आतंकवाद पर समझौता नहीं हो सकता

जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले का मुद्दा विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि इस हमले का उद्देश्य राज्य की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना और साम्प्रदायिक विभाजन फैलाना था।

जयशंकर ने कहा, “22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुआ हमला न केवल अमानवीय था, बल्कि इसका मकसद जानबूझकर राज्य के पर्यटन उद्योग को पटरी से उतारना और धार्मिक तनाव बढ़ाना था।” इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी।

बैठक में उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और अपराधियों, योजनाकारों, वित्तपोषकों और इसके पीछे मौजूद ताकतों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा, “एससीओ की स्थापना आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से लड़ने के उद्देश्य से की गई थी। ये तीनों खतरे अक्सर एक साथ पनपते हैं और इन पर समझौता करना हमारी मूल भावना के खिलाफ होगा।”

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जयशंकर की यह चीन यात्रा ग़लवान घाटी में 2020 में हुए टकराव के बाद उनकी पहली आधिकारिक यात्रा है। इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्रीय सहयोग को मजबूती देना आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है।

उन्होंने कहा, “वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य अस्थिरता और तनाव से भरा है। विश्व स्तर पर टकराव, आर्थिक अनिश्चितता और दबाव की नीति ने एक नया संकट खड़ा कर दिया है। हमें मिलकर इस वैश्विक व्यवस्था को स्थिर करना होगा और साझा हितों के संरक्षण के लिए एकजुट होना होगा।”

जयशंकर ने यह भी रेखांकित किया कि दुनिया अब बहुध्रुवीयता की ओर बढ़ रही है, जहां एससीओ जैसे प्रभावशाली समूहों की भूमिका और भी अहम हो गई है।

उन्होंने कहा, “हमारी वैश्विक भूमिका तभी प्रभावशाली हो सकती है जब हम सभी सदस्य राष्ट्र मिलकर साझा एजेंडे पर काम करें और एक-दूसरे के हितों का सम्मान करें।”