पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा हालात पर PM मोदी से मिले वायुसेना प्रमुख, तीनों सेनाओं में हाई अलर्ट
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की ओर से जवाबी कार्रवाई के विकल्पों पर विचार जारी है। इसी कड़ी में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और वायुसेना की तैयारियों की जानकारी दी। यह मुलाकात 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री निवास पर हुई।
हालांकि इस बैठक को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री और वायुसेना प्रमुख के बीच देश की सुरक्षा स्थिति और संभावित सैन्य विकल्पों पर गंभीर चर्चा हुई।
इस बैठक से कुछ घंटे पहले ही नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री को उत्तरी अरब सागर क्षेत्र की स्थिति की जानकारी दी। वर्तमान में भारतीय नौसेना अरब सागर में बड़े स्तर पर अभ्यास कर रही है, जिसमें पश्चिमी नौसेना कमान के अग्रिम युद्धपोत, समुद्री गश्ती विमान और अन्य पोत समुद्र में तैनात हैं। रक्षा सूत्रों का कहना है कि नौसेना पूरी तरह से तैयार है और कार्यकारी आदेश मिलते ही कार्रवाई के लिए तत्पर रहेगी।
इसी बीच, दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “रक्षा मंत्री होने के नाते, देश की सीमाओं की सुरक्षा मेरी जिम्मेदारी है। जो भी हमारी ओर बुरी नजर डालने की हिम्मत करेगा, उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।” उन्होंने प्रधानमंत्री की नेतृत्व क्षमता और निर्णय लेने की क्षमता पर भरोसा जताते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश की जनता जो चाहती है, वह होकर रहेगा।”
इससे पहले 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री निवास पर शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में मोदी ने कहा था कि देश की सशस्त्र सेनाओं को जवाब देने के लिए “पूरी संचालन स्वतंत्रता” दी गई है। उन्होंने यह भी कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ यह हमारी “राष्ट्रीय प्रतिज्ञा” है कि इसका निर्णायक अंत हो।
उस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी शामिल हुए थे।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री के साथ प्रत्येक सेनाप्रमुख की अलग-अलग बैठकों का उद्देश्य सुरक्षा आवश्यकताओं, लक्ष्यों और रणनीतिक विचारों पर सीधे संवाद को बढ़ावा देना है। एक अधिकारी ने बताया, “ऐसी बैठकों में विशेष सैन्य जरूरतों, संभावित बाधाओं और आवश्यक समयसीमा पर खुलकर चर्चा की जाती है।”
इन घटनाओं के बीच पाकिस्तान ने एलओसी के पास अपने सैनिकों को हाई अलर्ट पर रखा है। जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की अग्रिम पंक्ति की इकाइयों के लगभग 30 प्रतिशत सैनिक अग्रिम चौकियों पर तैनात किए गए हैं। साथ ही भारी हथियारों के दलों को भी तैनात किया गया है और हाल के दिनों में उसकी वायु सुरक्षा प्रणाली को भी मजबूत किया गया है।
उधर, भारतीय सेना ने भी अपने हथियार तंत्र और सैनिक तैनाती को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं, ताकि पाकिस्तान की किसी भी संभावित हरकत का करारा जवाब दिया जा सके।