ऑपरेशन सिंदूर पर वैश्विक समर्थन जुटाने भारत की कूटनीतिक पहल, 33 देशों की यात्रा पर रवाना होंगी सर्वदलीय टीमें
आतंकवाद के खिलाफ भारत के निर्णायक रुख और हालिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवगत कराने के उद्देश्य से, भारत सरकार ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को 33 देशों के दौरे पर भेजने की एक बड़ी कूटनीतिक पहल शुरू की है। इन प्रतिनिधिमंडलों को विदेश मंत्रालय ने विस्तृत जानकारी देते हुए यह स्पष्ट किया कि भारत की कार्रवाई न्यायोचित और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम है।
सोमवार को तीन प्रतिनिधिमंडलों को इस अभियान को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई। इनका नेतृत्व संजय झा (जेडीयू), कनिमोझी (डीएमके) और श्रीकांत शिंदे (शिवसेना) कर रहे हैं। अन्य चार टीमें बुधवार को ब्रीफिंग प्राप्त करेंगी। पहली टीम मंगलवार से अपनी यात्रा शुरू कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, इन प्रतिनिधिमंडलों को बताया गया कि पाकिस्तान की ओर से 10 मई को भारत से संपर्क साधा गया था। करीब 11 बजे पाकिस्तानी डीजीएमओ ने भारतीय समकक्ष से बात करने की कोशिश की, लेकिन हॉटलाइन काम नहीं कर रही थी। इसके बाद नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग ने संदेश भेजा कि बातचीत की इच्छा है।
हालांकि, भारतीय डीजीएमओ की व्यस्तता के कारण बातचीत दोपहर 3:30 बजे के आसपास संभव हो सकी, जिसमें संघर्षविराम पर सहमति बनी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की बात पूरी तरह निराधार है। पहल पाकिस्तान की तरफ से हुई थी। बैक-चैनल बातचीत कई देशों के साथ होती रहती है।”
चीन को लेकर भी विदेश मंत्रालय ने प्रतिनिधिमंडलों को बताया कि उसकी प्रतिक्रिया अपेक्षाकृत संतुलित रही है। चीन ने भारत की कार्रवाई की निंदा करने के बजाय खेद जताया, जो कि उसके रुख में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
पाकिस्तान को लेकर एक सूत्र ने कहा, “वह हमेशा खुद को पीड़ित दिखाने की कोशिश करता है, लेकिन इस बार भारत उसे बेनकाब करेगा। आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा जाएगा।”
इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य है कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वर्तमान और भावी स्थायी तथा अस्थायी सदस्यों के साथ-साथ यूरोपीय संघ के मुख्यालय ब्रसेल्स में भारत का पक्ष स्पष्ट रूप से रखें। प्रतिनिधिमंडल वहां प्रधानमंत्रियों, विदेश मंत्रियों, सांसदों, विपक्षी नेताओं, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों और प्रवासी भारतीयों से मुलाकात करेंगे।
इस कूटनीतिक प्रयास का नेतृत्व विभिन्न राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता कर रहे हैं। जिनमें बीजेपी के बैजयंत पांडा और रविशंकर प्रसाद, कांग्रेस के शशि थरूर, जेडीयू के संजय कुमार झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, डीएमके की कनिमोझी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की सुप्रिया सुले शामिल हैं।
भारत सरकार द्वारा उठाया गया यह अभूतपूर्व कदम न केवल राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए है, बल्कि यह वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को और मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक पहल मानी जा रही है।