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ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट: अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के वीर जवानों को किया सम्मानित, नक्सलवाद के खिलाफ ऐतिहासिक जीत

रायपुर/नई दिल्ली, 3 सितंबर 2025: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर हाल ही में संपन्न हुए ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले सुरक्षा बलों के जवानों से नई दिल्ली में मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस, डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और कोबरा कमांडो के इन वीर जवानों को सम्मानित किया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद थे, जो इस अभियान की सफलता का जश्न मनाने और जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए एकजुट हुए।

अमित शाह ने इस अवसर पर जवानों के अदम्य साहस और पराक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ नक्सल विरोधी अभियानों के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा और प्रभावी अभियान साबित हुआ है। “इस अभियान में हमारे वीर जवानों ने शौर्यपूर्ण प्रदर्शन कर नक्सलियों के गढ़ को ध्वस्त किया है। यह एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में इतिहास में दर्ज होगा,” श्री शाह ने जोर देकर कहा।

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उन्होंने आगे बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर स्थित नक्सलियों के प्रमुख बेस कैंप, मैटीरियल डंप और सप्लाई चेन को पूरी तरह नष्ट कर दिया। गर्मी की तीव्रता, ऊंचाई की चुनौतियां और हर कदम पर आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) के खतरे के बावजूद जवानों ने बुलंद हौसले के साथ मिशन को अंजाम दिया, जो उनकी प्रशिक्षण और समर्पण की मिसाल है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “मोदी सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक सभी नक्सली या तो आत्मसमर्पण न कर दें, पकड़े न जाएं या पूरी तरह समाप्त न हो जाएं। हमारा लक्ष्य है कि भारत को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त बनाया जाए।” श्री शाह ने जोर दिया कि नक्सलवाद ने देश के सबसे पिछड़े और कम विकसित क्षेत्रों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।

नक्सलियों ने स्कूलों और अस्पतालों को बंद कर दिया, सरकारी योजनाओं को स्थानीय निवासियों तक पहुंचने से रोका और विकास की राह में बाधा डाली। लेकिन अब, नक्सल विरोधी अभियानों की बदौलत पशुपतिनाथ से तिरुपति तक के विशाल क्षेत्र में साढ़े छह करोड़ लोगों के जीवन में नई उम्मीद और प्रगति का सूर्योदय हुआ है। इन अभियानों ने न केवल सुरक्षा सुनिश्चित की है, बल्कि विकास की नई संभावनाओं को भी खोला है।

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अमित शाह ने अभियानों में घायल या गंभीर शारीरिक क्षति उठाने वाले जवानों के लिए सरकार की योजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ऐसे वीरों के जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है, जिसमें चिकित्सा सहायता, पुनर्वास और आर्थिक मदद शामिल है।

अंत में, उन्होंने एक महत्वपूर्ण घोषणा की कि सरकार का संकल्प है कि 31 मार्च, 2026 तक देश को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाएगा। यह लक्ष्य न केवल सुरक्षा बलों की मेहनत से हासिल होगा, बल्कि स्थानीय समुदायों की भागीदारी और विकास योजनाओं के माध्यम से भी मजबूत होगा।

यह कार्यक्रम नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जहां जवानों ने अपने अनुभव साझा किए और मंत्री से प्रोत्साहन प्राप्त किया। छत्तीसगढ़ सरकार के प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने राज्य और केंद्र के बीच मजबूत समन्वय को दर्शाया, जो नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस अभियान की सफलता से नक्सलियों के मनोबल में कमी आई है और सुरक्षा बलों का आत्मविश्वास बढ़ा है, जो भविष्य के अभियानों के लिए शुभ संकेत है।

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