न्यूयॉर्क को मिला पहला मुस्लिम और दक्षिण एशियाई मेयर, ट्रम्प ने जताई नाराज़गी
अमेरिका के सबसे बड़े शहर न्यूयॉर्क में इतिहास रचते हुए 34 वर्षीय ज़ोहरान ममदानी शहर के पहले मुस्लिम और दक्षिण एशियाई मूल के मेयर चुने गए हैं। ममदानी, जो डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट विचारधारा से जुड़े हैं, ने करीब 50.4% वोट पाकर जीत हासिल की। यह जीत न सिर्फ़ प्रतीकात्मक है बल्कि शहर की राजनीति में एक नया अध्याय खोलती है — परन्तु व्हाइट हाउस इस परिणाम से प्रसन्न नहीं दिख रहा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ममदानी की जीत के बाद FOX न्यूज़ को दिए एक साक्षात्कार में उनके भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया दी। ट्रम्प ने कहा कि ममदानी का भाषण “काफ़ी गुस्से वाला” था और उन्हें “ज्यादा सहयोगी रवैया” अपनाना चाहिए।
“मुझे लगा उनका भाषण बहुत गुस्से में था, ख़ासकर मेरे प्रति। उन्हें मेरे साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि कई अहम मंज़ूरियाँ मुझसे होकर जाती हैं। वो शुरुआत ही गलत कर रहे हैं,” — ट्रम्प ने कहा।
ट्रम्प की यह प्रतिक्रिया तब आई जब ममदानी ने अपनी जीत के भाषण में सीधे राष्ट्रपति का ज़िक्र करते हुए कहा था —
“डोनाल्ड ट्रम्प, मुझे पता है आप देख रहे हैं — तो मेरी चार बातें सुनिए: वॉल्यूम बढ़ाइए!”
फंडिंग पर ट्रम्प की चेतावनी
ममदानी की जीत से पहले ही ट्रम्प कई बार ट्रुथ सोशल पर उन्हें निशाना बना चुके थे। उन्होंने न केवल ममदानी के प्रतिद्वंद्वी एंड्रयू कुओमो का खुलकर समर्थन किया था, बल्कि यह भी चेतावनी दी थी कि अगर ममदानी मेयर चुने गए, तो न्यूयॉर्क को मिलने वाले अतिरिक्त संघीय फंड्स पर रोक लगाई जा सकती है।
हालांकि, अब ट्रम्प का रुख कुछ नरम दिखाई दिया। उन्होंने कहा —
“हम थोड़ी मदद करेंगे, शायद। हम चाहते हैं कि न्यूयॉर्क सफल हो। हम मदद करेंगे।”
‘सोशलिस्ट’ बनाम ‘कम्युनिस्ट’ का विवाद
ट्रम्प समर्थक और रिपब्लिकन नेताओं ने ममदानी को “कम्युनिस्ट” कहकर निशाना बनाया है, जबकि ममदानी खुद को सोशलिस्ट बताते हैं। चुनाव के अगले दिन न्यूयॉर्क पोस्ट ने अपने पहले पन्ने पर ममदानी की तस्वीर के साथ “कम्युनिस्ट मेयर” शीर्षक छापा, जो ट्रम्प की बयानबाज़ी को ही प्रतिध्वनित करता था।
इतिहास के पन्नों में दर्ज हुआ नाम
उगांडा में जन्मे और भारतीय मूल के ममदानी पहले से ही न्यूयॉर्क राजनीति में एक उभरते हुए चेहरे के तौर पर जाने जाते रहे हैं। उन्होंने आवासीय संकट, भ्रष्टाचार और अमीरों पर अधिक कर लगाने जैसे मुद्दों को अपने अभियान का केंद्र बनाया। जनवरी में वे न्यूयॉर्क सिटी के सबसे युवा मेयर के रूप में शपथ लेंगे — पिछले 100 वर्षों में किसी इतने युवा नेता ने यह पद नहीं संभाला है।
उनकी जीत ने न केवल प्रवासी समुदायों में उत्साह पैदा किया है, बल्कि अमेरिकी राजनीति में विविधता और समावेशिता के नए दौर की संभावना भी जगाई है।

