एआईएडीएमके फिर एनडीए में शामिल, पलानीस्वामी ने पीएम मोदी का जताया आभार
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के महासचिव एडप्पाडी के. पलानीस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि पार्टी को एनडीए में दोबारा शामिल होकर गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “तमिलनाडु की प्रगति और समृद्धि के साझा दृष्टिकोण पर आधारित यह गठबंधन हमारे लिए सम्मान की बात है।”
पलानीस्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में AIADMK एनडीए सहयोगियों के साथ मिलकर जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने और तमिलनाडु में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने #MakeTNProsperousAgain हैशटैग के साथ लिखा, “हम तमिलनाडु को वंशवादी राजनीति, भ्रष्टाचार और कुप्रशासन से मुक्त एक बेहतर राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
AIADMK और बीजेपी के बीच यह नई साझेदारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उस घोषणा के बाद सामने आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों दल 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे।
एनडीए में वापसी
सितंबर 2023 में बीजेपी के तमिलनाडु प्रभारी अन्नामलाई की कुछ टिप्पणियों के कारण गठबंधन टूट गया था, लेकिन अब AIADMK दोबारा एनडीए में शामिल हो गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “AIADMK की ओर से कोई शर्त नहीं रखी गई है और हम उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। यह गठबंधन दोनों दलों के लिए लाभकारी होगा।”
दिलचस्प बात यह रही कि जिन अन्नामलाई के कारण गठबंधन टूटा था, वे भी इस बार मंच पर मौजूद थे। शाह ने साफ किया कि 2026 का विधानसभा चुनाव पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस गठबंधन पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, “AIADMK पहले भी बीजेपी के साथ थी, फिर उन्हें एहसास हुआ कि बीजेपी उनके लिए बोझ बन रही है और अब वे फिर से उसी गठबंधन में लौटे हैं।” उन्होंने AIADMK को “अब कमजोर हो चुकी पार्टी” बताया और कहा कि कभी अन्य दल AIADMK से गठबंधन के लिए संपर्क करते थे, लेकिन अब AIADMK को दिल्ली जाकर हाथ जोड़ने पड़ रहे हैं।
डीएमके सांसद कनिमोझी ने भी पलानीस्वामी पर तंज कसा और कहा, “बीजेपी ने उनके नेताओं का अपमान किया, तब उन्होंने कहा था कि कभी दोबारा गठबंधन नहीं करेंगे। लेकिन आज हमने उन्हें चुपचाप अमित शाह की घोषणा सुनते देखा… उन्हें खुद कुछ बोलने का भी मौका नहीं मिला।”
कनिमोझी ने आगे कहा कि यह साफ हो गया है कि इस गठबंधन में नेतृत्व कौन करेगा और कौन सिर्फ पीछे-पीछे चलेगा।