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टोनाटार की महिलाएं बनीं बदलाव की मिसाल, ‘भारत माता वाहिनी’ ने नशामुक्त गांव की ओर बढ़ाया कदम

अर्जुनी, 13 जुलाई 2025/समाज में महिलाओं की भूमिका अब केवल घर की चारदीवारी तक सीमित नहीं रही, बल्कि वे अब गांव की दिशा और दशा तय करने में भी अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। इसका एक सशक्त उदाहरण देखने को मिल रहा है भाटापारा विकासखंड के ग्राम पंचायत टोनाटार में, जहाँ ‘भारत माता वाहिनी’ की महिलाएं गांव को नशामुक्त बनाने के मिशन में जुटी हुई हैं।

टोनाटार गांव, जो शहीद धनंजय वर्मा की जन्मभूमि है, लगभग 3200 की जनसंख्या और 14 वार्डों वाला एक बड़ा पंचायत क्षेत्र है। एक समय था जब इस गांव में शाम होते ही महिलाएं अपने घरों में सिमट जाती थीं। शराबियों का उत्पात इतना बढ़ गया था कि सार्वजनिक स्थानों पर गाली-गलौज, बदतमीज़ी और अश्लील हरकतें आम हो गई थीं। शराब के कारण कई घर बर्बाद हो रहे थे और सामाजिक माहौल विषाक्त होता जा रहा था।

महिलाओं ने थामा बदलाव का नेतृत्व
इस गंभीर परिस्थिति में गांव की महिलाओं ने चुप बैठने के बजाय आवाज उठाने का साहस दिखाया। ‘भारत माता वाहिनी’ नामक स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने गांव को नशामुक्त करने का बीड़ा उठाया। इस अभियान की अगुवाई समूह की अध्यक्ष मंजू वर्मा और सचिव लक्ष्मी वैष्णव कर रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन शाम को 7 बजे, सभी महिलाएं अपने घरेलू कार्यों को पूर्ण कर गांव के चौक पर एकत्रित होती हैं और हाथ में टॉर्च लेकर गांव की गलियों और मैदानों में गश्त करती हैं।

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सरपंच का सहयोग बना प्रेरणा स्रोत
गांव की इस क्रांतिकारी पहल को युवा एवं शिक्षित सरपंच विष्णु कोसले का पूरा समर्थन प्राप्त है। उन्होंने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही गांव को नशामुक्त करने को प्राथमिकता दी। उनके सहयोग से महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा और धीरे-धीरे गांव में परिवर्तन की लहर दौड़ गई।

परिणामस्वरूप बड़ा बदलाव
आज टोनाटार गांव की तस्वीर बदल चुकी है। शराब की खुलेआम बिक्री लगभग बंद हो चुकी है। सार्वजनिक स्थलों पर पीने की घटनाएं अब नहीं के बराबर हैं। गांव में शांति का वातावरण लौट आया है और महिलाएं निडर होकर बाहर निकल रही हैं। बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है।

नारी शक्ति की यह पहल सिर्फ गांव ही नहीं, समाज के लिए प्रेरणास्पद है।
‘भारत माता वाहिनी’ की इस सतत जागरूकता और साहसी प्रयास ने यह सिद्ध कर दिया है कि संगठित नारी शक्ति चाहे तो किसी भी बुराई को जड़ से खत्म कर सकती है। टोनाटार अब सिर्फ एक गांव नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण और सामाजिक जागरूकता की एक सशक्त मिसाल बन चुका है।

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