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मुर्शिदाबाद हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणी को भारत ने किया खारिज, कहा– पहले अपने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करे

भारत सरकार ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर बांग्लादेश द्वारा की गई टिप्पणी को कड़े शब्दों में खारिज किया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि बांग्लादेश को अपने देश के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए, न कि भारत की आंतरिक घटनाओं पर टिप्पणी करनी चाहिए।

विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम पश्चिम बंगाल की घटनाओं को लेकर बांग्लादेश की ओर से की गई टिप्पणी को सिरे से खारिज करते हैं। यह एक चालाकी भरी और भ्रामक कोशिश है, जो भारत द्वारा बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की चिंता को कमजोर करने की कोशिश है।”

भारत की यह प्रतिक्रिया तब आई जब बांग्लादेश के प्रमुख सलाहकार के प्रेस सचिव, शफीकुल आलम ने भारत से ‘अपने मुस्लिम अल्पसंख्यकों की पूरी तरह सुरक्षा करने’ की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि मुर्शिदाबाद हिंसा में बांग्लादेशी तत्वों की कोई भूमिका नहीं है।

शफीकुल आलम ने बांग्लादेशी मीडिया से बातचीत में कहा, “हम इस हिंसा में बांग्लादेश को घसीटने के किसी भी प्रयास को सख्ती से नकारते हैं।”

गौरतलब है कि 11 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई, कई घायल हुए और व्यापक संपत्ति को नुकसान पहुंचा। हिंसा के चलते कई परिवारों को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा, जिनमें से कुछ ने झारखंड के पाकुड़ जिले में शरण ली, जबकि अन्य मालदा के राहत शिविरों में रह रहे हैं।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्र बलों की तैनाती को जारी रखने का आदेश दिया है। साथ ही अदालत ने पुनर्वास कार्य की निगरानी करते हुए सभी राजनीतिक दलों के नेताओं, विशेष रूप से भाजपा और टीएमसी के प्रतिनिधियों को भड़काऊ बयानबाज़ी से बचने की सख्त हिदायत दी है।

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