एकादशी मोदी युग: विकास, विश्वास और भारत के नवोदय की गाथा (2014–2025)

यह काल केवल शासन नहीं, भारत के आत्मगौरव और आत्मनिर्भरता का नवजागरण है। साल 2014 में जब देश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को स्वीकार किया, तब यह महज एक सरकार का गठन नहीं था यह जन अपेक्षाओं, आकांक्षाओं और आत्मनिर्भरता के युग का सूत्रपात था।
आज जब हम 2025 की दहलीज़ पर खड़े हैं, तो यह कहने में कोई संकोच नहीं कि बीते ग्यारह वर्ष भारत के सांस्कृतिक उत्थान, संरचनात्मक परिवर्तन और वैश्विक सशक्तिकरण के गवाह रहे हैं।
जनकल्याण की योजनाएँ: शासन को सेवा में बदलने की साधना
जन-धन योजना से लेकर उज्ज्वला, आयुष्मान भारत से लेकर PM-KISAN तक : मोदी सरकार की हर योजना में वंचितों को वरीयता, अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को प्राथमिकता का दर्शन रहा। 2014 में आरंभ हुई प्रधानमंत्री जन-धन योजना ने भारत को वित्तीय समावेशन में विश्वगुरु बनाया। करोड़ों गरीबों को बैंकिंग से जोड़कर ‘जमीन से जुड़े शासन’ की मिसाल कायम की गई।
स्वच्छ भारत अभियान ने देश में एक नई नागरिक चेतना का संचार किया। यह पहली बार था जब स्वच्छता को केवल सरकार नहीं, बल्कि जनांदोलन बनाया गया।
महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण उत्थान: आत्मबल का निर्माण:
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया — ये योजनाएँ नारी को केवल उपभोगकर्ता नहीं, बल्कि निर्माता, नेतृत्वकर्ता और नवाचारकर्ता के रूप में प्रतिष्ठित करती हैं। उज्ज्वला से जहां करोड़ों माताओं को धुएँ से मुक्ति मिली, वहीं मुद्रा योजना से महिला उद्यमिता को नई उड़ान मिली।
किसान और श्रमिकों के लिए समर्पित दशक किसानों के हित में PM-KISAN, फसल बीमा योजना, किसान रेल, कृषि उड़ान जैसे अभिनव प्रयोग हुए। वहीं श्रमयोगी मानधन योजना, अटल पेंशन योजना, और सामाजिक सुरक्षा बीमा योजनाओं ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सम्मान और सुरक्षा दी।
कोविड काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने 81 करोड़ से अधिक नागरिकों को भोजन की गारंटी दी — यह सरकार की संवेदनशीलता की जीवंत मिसाल थी।
शिक्षा, स्वास्थ्य और तकनीकी बुनियाद का पुनर्निर्माण
2014 से 2025 तक शिक्षा क्षेत्र में भी अभूतपूर्व क्रांति हुई। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 केवल पाठ्यक्रम परिवर्तन नहीं, बल्कि संस्कृति-आधारित, मातृभाषा आधारित, कौशल उन्मुख शिक्षा क्रांति है।
आयुष्मान भारत योजना दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजना बनकर उभरी। 5 लाख तक की स्वास्थ्य सुविधा ने गरीबों को उपचार का अधिकार दिलाया।
डिजिटल इंडिया मिशन, CSC नेटवर्क, डिजीलॉकर, UPI जैसे नवाचारों ने शासन को डिजिटल, पारदर्शी और त्वरित बना दिया।
आत्मनिर्भर भारत: रक्षा से लेकर रेलवे तक 2014–2025 का कालखंड भारत के रक्षा आत्मनिर्भरता का भी युग है। INS विक्रांत, तेजस, ब्रह्मोस, प्रचंड हेलीकॉप्टर अब भारत रक्षा सामग्री आयातक नहीं, निर्यातक बनने की ओर बढ़ा है।
रेलवे में वंदे भारत एक्सप्रेस, गति शक्ति योजना, भारतमाला परियोजना सबने भारत की गति को, भौगोलिक और आर्थिक, दोनों रूपों में तीव्र किया।
संस्कृति और संप्रभुता का नवोदय 2019 में धारा 370 की समाप्ति और राम मंदिर निर्माण ये केवल राजनीतिक निर्णय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय आत्मा की पुकार थे। ये निर्णय भारत के संविधान, संस्कृति और एकता की बुनियाद को और प्रबल करने वाले साबित हुए।
एक भारत श्रेष्ठ भारत, हर घर तिरंगा अभियान, नया संसद भवन इन सबने भारत को उसकी संस्कारिक अस्मिता से जोड़ने का कार्य किया।
एक युगदृष्टा की सशक्त दृष्टि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यकाल केवल प्रशासनिक उपलब्धियों का क्रम नहीं, बल्कि भारत के आत्मस्वरूप की पुनः खोज और उसे सशक्त करने की साधना है।
उन्होंने विकास को केवल GDP और Graphs तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे गांव, गरीब, गली और गगन तक पहुँचाया।
आज जब भारत अमृत काल में प्रवेश कर रहा है, तब यह विश्वास और भी दृढ़ हो चला है कि
“यह मोदी नहीं, भारत का आत्मविश्वास बोल रहा है।”